कालिंदी एक्सप्रेस मामला: NIA ने शुरू की जांच, दो कुख्यात अपराधियों समेत 6 हिरासत में, मोबाइल टावरों का मांगा डेटा

कानपुर जिले में रविवार रात प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश की गई थी। इसके तहत अज्ञात लोगों ने पटरी पर रसोई गैस सिलिंडर रख दिया था।

Kalindi Express Train

कालिंदी एक्सप्रेस मामले में जांच तेज

Kalindi Express Train Case: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में रसोई गैस सिलिंडर और अन्य विस्फोटक सामग्री रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश के मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि एनआईए की टीम ने आज दोपहर मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) भी टीम के साथ पहुंचे। टीम ने दुर्घटनास्थल पर पहुंचकर रेल पटरी और उसके आसपास के इलाके का सर्वेक्षण किया। एनआईए की टीम सोमवार रात को ही कानपुर पहुंच गई थी।

कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश

कानपुर जिले में रविवार रात प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश की गई थी। इसके तहत अज्ञात लोगों ने पटरी पर रसोई गैस सिलिंडर रख दिया था। इसे देखकर चालक ने आपातकालीन ब्रेक लगा दी और सिलिंडर उससे टकराकर दूर जा गिरा। गनीमत रही कि सिलिंडर इंजन में फंसकर फटा नहीं, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। घटनास्थल के पास क्षतिग्रस्त सिलिंडर के अलावा पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस सहित कई संदेहास्पद चीजें भी बरामद की गई हैं।

दो कुख्यात अपराधियों समेत 6 लोग हिरासत में

कानपुर पश्चिम के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह के मुताबिक पुलिस ने इस सिलसिले में सोमवार को दो स्थानीय कुख्यात अपराधियों समेत छह लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 287 (आग या ज्वलनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाही पूर्ण आचरण), 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य) और विस्फोटक अधिनियम, 1884 तथा रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

मोबाइल टावरों का डेटा भी मांगा

एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश भले ही नाकाम रही, लेकिन इसे अंजाम देने के लिए जो कार्यप्रणाली अपनायी गई थी उससे यह पता चलता है कि यह किसी अकुशल व्यक्ति का काम था और यह किसी अंदरूनी व्यक्ति का काम भी हो सकता है। अधिकारी ने कहा कि हमने पिछले छह दिनों के मोबाइल टावरों का डेटा भी मांगा है, क्योंकि हमें लगता है कि इससे पुलिस को मामले को सुलझाने में मदद मिलेगी, लेकिन कई मोबाइल सेवा प्रदाता इसे उपलब्ध कराने में विफल रहे। (भाषा इनपुट)

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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