निठारी कांड के दोनों आरोपियों की फांसी की सजा रद्द, कोर्ट ने किया बरी
Nithari Kand: इलाहाबाद कोर्ट ने निठारी कांड के दोनों आरोपियों सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा रद्द कर दी है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों को निर्दोष करार दिया गया है।
निठारी कांड का आरोपी सुरेंद्र कोली
Nithari Kand: नोएडा के चर्चित निठारी कांड के दोनों आरोपियों सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद कोर्ट ने दोनों की फांसी की सजा रद्द कर दी है और सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों को निर्दोष करार दिया गया है।
अदालत ने सुरेंद्र कोली को उसके खिलाफ दर्ज किए गए 12 मामलों में निर्दोष पाया है। जबकि, मनिंदर सिंह पंढेर को उसके खिलाफ दर्ज दो मामलों में निर्दोष पाया है।
इस आधार पर किया बरी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी कांड के दोनों दोषियों को सबूतों और गवाहों के अभाव में बरी किया है। बता दें, सुरेंद्र कोली ने 12 मामलों में मिली फांसी की सजा के खिलाफ अपील दाखिल की थी, जबकि मनिंदर सिंह पंढेर ने दो मामलों में फांसी की सजा के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी। हालांकि, रिंपा हलदर मर्डर केस में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को बरकरार रखा था।
क्या है निठारी कांड
2005-2006 में सामने आए निठारी कांड ने देश ही नहीं दुनिया को भी हिलाकर रख दिया था। यह भारतीय इतिहास में सबसे कुख्यात आपराधिक जांचों में से एक मामला है। दरअसल, दिसंबर 2006 में नोएडा के निठारी में बिजनेसमैन मनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पास नाले में मानव कंकाल मिले थे। इसके बाद पुलिस जांच शुरू हुई तो कई बच्चों के अपहरण, दुष्कर्म और हत्या की बातें खुलकर सामने आईं। सीबीआई ने इस मामले में कुल 16 केस दर्ज किए थे। इन सभी मामलों में मनिंदर सिंह पंढेर के नौकर सुरेंद्र कोली पर हत्या, अपहरण और दुष्कर्म का आरोप लगाया गया। यहां तक कि यह भी सामने आया कि हत्या के बाद सबूत मिटाने का काम कोली ही करता था। वहीं मनिंदर सिंह पंढेर पर एक मामले में मानव अंगों की अनैतिक तस्करी का भी आरोप लगाया गया था।
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