निठारी हत्याकांड: मोनिंदर पंढेर जेल से रिहा, गाड़ी में बैठा और खामोशी से चला गया
यह सनसनीखेज मामला उस समय प्रकाश में आया था जब 29 दिसंबर, 2006 को राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा के निठारी में पंढेर के मकान के पीछे ड्रेन में कुछ कंकाल पाए गए।



मोनिंदर सिंह पंढेर
Nithari Murder Case: निठारी हत्याकांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को आज जेल से रिहाई मिल गई। शुक्रवार को पंढेर को ग्रेटर नोएडा की लुक्सर जेल से रिहा कर दिया गया। इस मामले में पंढेर को तीन दिन पहले हाई कोर्ट ने बरी किया था। जेल से रिहा होने के बाद 65 वर्षीय कारोबारी पंढेर एक गाड़ी में बैठा और बिना किसी से बात किए चला गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को पंढेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को 2006 के सनसनीखेज मामले में यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे अपराध साबित करने में विफल रहा और इससे जांच में गड़बड़ हुई।
कोली काटेगा आजीवन कारावास
इससे पहले, दिन में लुक्सर जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने बताया था कि आज हमें अदालत से दूसरा आदेश मिला है। उचित औपचारिकताओं के बाद दोपहर तक उसे रिहा कर दिया जाएगा। मुख्य आरोपी कोली अभी भी गाजियाबाद के डासना जेल में बंद है। वह 14 वर्षीय लड़की की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काटेगा। पंढेर और कोली पर बलात्कार और हत्या के आरोप लगाए थे। नोएडा के निठारी में हुई हत्याओं में दोनों को मौत की सजा सुनाई गयी थी। यौन उत्पीड़न, क्रूर हत्या और संभावित नरभक्षण के संकेतों वाले निठारी हत्याकांड ने पूरे देश हैरान कर दिया था।
29 दिसंबर, 2006 का सनसनीखेज मामला
यह सनसनीखेज मामला उस समय प्रकाश में आया था जब 29 दिसंबर, 2006 को राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा के निठारी में पंढेर के मकान के पीछे ड्रेन में कुछ कंकाल पाए गए। कोली पंढेर का नौकर था। पंढेर के मकान के आसपास के क्षेत्र में ड्रेन में तलाशी के बाद और कंकाल पाए गए। इनमें से ज्यादातर कंकाल गरीब बच्चों और युवतियों के थे जो उस इलाके से लापता थे। 10 दिनों के भीतर सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली और उसे खोज के दौरान और अस्थियां मिली थीं। (Bhasha Input)
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