नीति आयोग ने जारी की SDG रिपोर्ट, टॉप पर उत्तराखंड तो फिसड्डी राज्यों में बिहार-झारखंड

Niti Aayog SDG Report : इससे पहले भारत ने कहा कि उसने सतत विकास जक्ष्यों (एसडीजी) को अपनी राष्ट्रीय विकास रणनीतियों में पूरी तरह से एकीकृत कर लिया है और उसे अपने एसडीजी स्थानीयकरण मॉडल पर गर्व है। इस रिपोर्ट में सबसे निचले पायदान पर जो राज्य हैं उनमें बिहार है।

dhami

सतत विकास लक्ष्य रिपोर्ट।

Niti Aayog SDG Report : नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्य (SDG) रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का आंकलन किया गया है। इस रिपोर्ट में शीर्ष पांच राज्यों में उत्तराखंड सबसे ऊपर है जबकि दूसरे स्थान पर केरल है। इसके बाद तमिलनाडु, गोवा हिमाचल प्रदेश का स्थान है। खास बात यह है कि इस रिपोर्ट में सबसे निचले पायदान पर बिहार है। फिसड्डी राज्यों में बिहार के बाद झारखंड, नागालैंड, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश का स्थान है।

क्या होती है SDG रिपोर्ट?

SDG यानी कि सतत विकास लक्ष्य नाम की इस रिपोर्ट में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति पर प्रदर्शन का आंकलन किया किया जाता है। नीति आयोग की यह चौथी रिपोर्ट है। पहली रिपोर्ट 2018 में जारी हुई थी। इससे पहले भारत ने कहा कि उसने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को अपनी राष्ट्रीय विकास रणनीतियों में पूरी तरह से एकीकृत कर लिया है और उसे अपने एसडीजी स्थानीयकरण मॉडल पर गर्व है, जो संस्थागत स्वामित्व, सहयोगात्मक प्रतिस्पर्धा, क्षमता निर्माण और समग्र समाज दृष्टिकोण के स्तंभों पर आधारित है।

यह भी पढ़ें-केंद्र सरकार का फैसला, 25 जून को मनाया जाएगा संविधान हत्या दिवस, नोटिफिकेशन जारी

17 जुलाई तक चलेगा एचएलपीएफ

संयुक्त राष्ट्र में भारत की उपस्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने यह टिप्पणी सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘एसडीजी शिखर सम्मेलन से लेकर टिकाऊ, लचीले और अभिनव समाधानों के प्रभावी वितरण तक’ विषय पर उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच पैनल को संबोधित करते हुए की। सतत विकास पर उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ) आठ जुलाई को शुरू हुआ और 17 जुलाई तक चलेगा, जिसका विषय है, ‘वर्ष 2030 एजेंडा को सुदृढ़ बनाना और विभिन्न संकटों के समय में गरीबी उन्मूलन: टिकाऊ, लचीले और अभिनव समाधानों का प्रभावी क्रियान्वयन।’

एसडीजी रणनीतियों में पूरी तरह से एकीकृत

पटेल ने कहा, "भारत को अपने एसडीजी स्थानीकरण मॉडल पर गर्व है, जो चार स्तंभों पर आधारित है: संस्थागत स्वामित्व, सहयोगात्मक प्रतिस्पर्धा, क्षमता निर्माण और संपूर्ण समाज दृष्टिकोण। भारत के मजबूत आर्थिक विकास सूचकांक प्रणालीगत सुधारों, समावेशी नीतियों और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के लाभ उठाने से उत्पन्न हुए हैं।" उन्होंने बताया कि भारत ने एसडीजी को अपनी राष्ट्रीय विकास रणनीतियों में पूरी तरह से कैसे एकीकृत किया है। उन्होंने बताया कि भारत का प्रमुख राष्ट्रीय विचार मंच नीति आयोग एसडीजी को लागू करने में केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों दोनों का मार्गदर्शन करता है।

यह भी पढ़ें- महंगाई डायन खाए जात है! सब्जियों और फलों ने छुड़ाए लोगों के पसीने, देखें रेट लिस्ट; जानें कारण

2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा भारत

ऐसे में जब भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की आकांक्षा रखता है, जो उसकी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष के साथ मेल खाता है, भारत ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग सहित साझेदारी के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया। दुनिया के सामने इस "अफसोसजनक सच्चाई" का सामना करने के साथ कि वर्तमान में एसडीजी लक्ष्यों में से केवल 12 प्रतिशत ही पटरी पर हैं, पटेल ने कहा कि एजेंडा 2030 और उसके लक्ष्यों के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता की तत्काल आवश्यकता है। पटेल ने कहा कि भारत उच्च-स्तरीय राजनीतिक फोरम को सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और 2030 एजेंडा को साकार करने के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में देखता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited