'श्रमिकों तक हम अगले 2 दिन में पहुंच जाएंगे बशर्ते कि...' रेस्क्यू ऑपरेशन पर गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
Uttarkashi Tunnel Crisis: केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को लगातार ऑक्सीजन, बिजली, खाना, पानी और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस पाइप से अब तक खाने की आपूर्ति की जा रही है, उसके अलावा एक ज्यादा बड़े व्यास का वैकल्पिक पाइप भी डाला गया गया है।
टनल में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लेते नितिन गडकरी।
Uttarkashi Tunnel Crisis: उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग के मलबे में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए ऑगर मशीन से खुदाई जारी है। रविवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सुरंग में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया। सुरंग के मलबे में ये श्रमिक बीत आठ दिनों से फंसे हैं। घटनास्थल पर पहुंचे गडगरी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि आधुनिक ऑगर मशीन तेजी से ड्रिलिंग कर रही है और इससे बचाव अभियान में तेजी आएगी। गडकरी ने उम्मीद जताई कि आगर मशीन ने अगर प्रभावी रूप से ड्रिलिंग की तो श्रमिकों तक पहुंच अगले दो दिन में हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्राथमिकता श्रमिकों को बचाना है। राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
श्रमिकों को बचाना हमारी प्राथमिकता-गडकरी
गडकरी ने कहा, 'अमेरिकी आगर जब मुलायम मिट्टी में ड्रिलिंग कर रही थी तब वह सही तरीके से काम कर रही थी, लेकिन जब उसके सामने एक कठोर बाधा आयी तो समस्या आने लगी । इस कारण मशीन को ज्यादा दवाब डालना पड़ा जिससे कंपन हुए और सुरक्षा कारणों से इसे रोक दिया गया।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों और उनके परिजनों के मनोबल को बनाए रखना इस समय सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
श्रमिकों तक पहुंचाया जा रहा ऑक्सीजन, खाना, दवाइयां
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को लगातार ऑक्सीजन, बिजली, खाना, पानी और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस पाइप से अब तक खाने की आपूर्ति की जा रही है, उसके अलावा एक ज्यादा बड़े व्यास का वैकल्पिक पाइप भी डाला गया गया है ताकि उन्हें रोटी, सब्जी और चावल भी उपलब्ध कराया जा सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ को इकट्ठा कर उनसे सलाह मांगी गयी है कि फंसे श्रमिकों को सकुशल जल्द बाहर निकालने के लिए क्या तरीके अपनाए जाएं।
'वर्टिकल ड्रिलिंग' शुरू करने की तैयारी
उन्होंने कहा कि सुरंग के ऊपर से 'वर्टिकल ड्रिलिंग' शुरू करने के लिए तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जल्द बाहर निकालने के लिए हर संभव तरीका अपनाया जा रहा है। गडकरी ने बताया कि केंद्र द्वारा उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 2.75 लाख करोड़ रुपये की लागत से सुरंगें बनायी जा रही हैं।
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