2024 से पहले नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान, बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 50 से 65% करने का प्रस्ताव, EWS अलग से
नीतीश कुमार के प्रस्तावमें ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण अलग से है। अगर इसे मिला दिया जाए तो आरक्षण का दायरा 75 फीसदी हो जाता है। जिसमें एससी- 20%, एसटी 2%, ओबीसी और ईबीसी- 43%, ईडब्लूएस-10 प्रतिशत हिस्सा रहेगा।
आरक्षण पर नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान (फोटो- NitishKumarJDU)
बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने एक और बड़ा ऐलान कर दिया है। जातिगत आरक्षण करवाकर नीतीश कुमार पहले ही वाहवाही बटोर चुके हैं, अब उन्होंने आरक्षण को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। नीतीश कुमार ने मंगलवार को सदन में आरक्षण का दायरा 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के प्रस्ताव रख दिया है।
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किसे कितना आरक्षण
नीतीश कुमार के प्रस्तावमें ईडब्ल्यूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण अलग से है। अगर इसे मिला दिया जाए तो आरक्षण का दायरा 75 फीसदी हो जाता है। जिसमें एससी- 20%, एसटी 2%, ओबीसी और ईबीसी- 43%, ईडब्लूएस-10 प्रतिशत हिस्सा रहेगा। नीतीश कुमार ने बिहार सरकार के जाति-आधारित सर्वेक्षण से 215 अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आर्थिक स्थिति का वर्णन करने वाली पूरी रिपोर्ट जारी करने के बाद यह घोषणा की।
पहले कितना था आरक्षण
बिहार में फिलहाल- पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा को 27%, एसटी और एससी को 17%, सवर्ण को 10%, महिला 3%, विकलांग 3%, सेनानी 1% आरक्षण था, जो समाप्त हो गया। अनुसूचित जाति का पहले 16 फीसदी था जिसे अब 20 किया गया है। अनुसूचित जनजाति पहले 1 था जिसे अब 2 करने का प्रस्ताव रखा गया है।
भाजपा की प्रतिक्रिया
नीतीश कुमार के इस प्रस्ताव पर भाजपा भी उनके साथ दिख रही है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि सरकारी नौकरियों में बिहार में आरक्षण 50% से बढ़ाकर 65% करने का बीजेपी समर्थन करती है। पंचायत और नगर निकाय में भी 37% को बढ़ाकर 5० % किए जाने की आवश्यकता है ।
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