Bihar Caste Survey: नीतीश ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक, जाति के आंकड़ों पर होगा मंथन
मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि सर्वेक्षण के निष्कर्षों को उन सभी नौ पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ साझा किया जाएगा जो सर्वेक्षण पर सहमत हुए हैं।
नीतीश ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक
Bihar Caste Survey Data: बिहार में जाति-आधारित सर्वेक्षण के आंकड़े जारी करने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनगणना रिपोर्ट के निष्कर्षों को पेश करने के लिए आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें कार्रवाई के अगले कदम पर विचार-विमर्श किया जाएगा। नीतीश के कदम से राज्य में सियासी हलचल मच गई है और इसे विधानसभा व लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। इसे लेकर आज बिहार से सभी दलों की बैठक में चर्चा होगी।
एक तिहाई पिछड़ा वर्ग से
बिहार सरकार ने सोमवार को जाति जनगणना के आंकड़े जारी किए जिससे सामने आया कि राज्य की 13.1 करोड़ आबादी में से 36% अत्यंत पिछड़ा वर्ग, 27.1% पिछड़ा वर्ग, 19.7% अनुसूचित जाति और 1.7% अनुसूचित जनजाति से संबंधित हैं। सामान्य जाति की जनसंख्या 15.5% है। जाति जनगणना सर्वेक्षण के अनुसार, यादव बिहार में सबसे बड़ा जनसंख्या समूह है, जो कुल आबादी का 14.27% है। बिहार की आबादी में 19.65% दलित या अनुसूचित जाति हैं, जिसमें अनुसूचित जनजाति के लगभग 22 लाख (1.68%) लोग भी शामिल हैं।
नीतीश बोले, सभी पार्टियों से साझा करेंगे आंकड़े
मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि सर्वेक्षण के निष्कर्षों को उन सभी नौ पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ साझा किया जाएगा जो सर्वेक्षण पर सहमत हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या जाति जनगणना को मंडल आयोग की सिफारिशों के पुनरुद्धार के रूप में देखा जा सकता है, जिससे जनसंख्या के अनुपात में संशोधित जाति कोटा की मांग बढ़ रही है, बिहार के मुख्यमंत्री ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, अभी मेरे लिए इस तरह का विवरण देना उचित नहीं होगा। मुझे कल सभी पक्षों के साथ निष्कर्ष साझा करने दीजिए। उसके बाद हमारा ध्यान उन जातियों पर लक्षित नीतियां बनाने पर होगा जिन्हें अधिक सहायता की आवश्यकता है। सर्वेक्षण से बिना किसी अपवाद के सभी जातियों को लाभ होगा। नीतीश कुमार ने भरोसा जताया कि बिहार का जाति सर्वेक्षण सभी सामाजिक समूहों की राष्ट्रव्यापी जनगणना को बढ़ावा देगा।
पीएम मोदी बोले, देश को बांटने की कोशिश
वहीं, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि सर्वेक्षण देशव्यापी जाति जनगणना के लिए माहौल तैयार करता है, जिसे केंद्र में हमारी अगली सरकार बनने पर किया जाएगा। जबकि सर्वेक्षण के आंकड़े जारी होने के कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर देश को जाति के नाम पर विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। पीएम ने जाति के आधार पर लोगों को बांटने के किसी भी प्रयास को पाप करार दिया।
राहुल ने कहा, जाति जनगणना जरूरी
वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार के 90 सचिवों में से केवल 3 ओबीसी हैं, जो भारत के बजट का केवल 5 प्रतिशत संभालते हैं। इसलिए, भारत के जाति आंकड़ों को जानना महत्वपूर्ण है। अगर कांग्रेस चुनाव जीतती है तो चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में जाति जनगणना कराएगी। बता दें कि पिछली बार सभी जातियों की जनगणना 1931 में की गई थी। पिछले साल 2 जून को बिहार कैबिनेट ने जाति सर्वेक्षण को मंजूरी दी थी और इसके लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
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अमित कुमार मंडल author
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