विपक्ष को एकजुट करने में खूब की भागदौड़, दिल्ली से ओडिशा तक नापी जमीन, फिर क्यों नाराज हुए नीतीश?

बेंगलुरू में हुई दूसरी बैठक में नीतीश पहुंचे जरूर, लेकिन कम ही नजर आए। यहां तक कि उन्हें प्रेस कांफ्रेंस में भी नहीं देखा गया। चर्चा गर्म है कि कुछ मुद्दों पर वह नाराज हैं और पटना लौट गए।

क्या नीतीश कुमार हैं नाराज?

Nitish Kumar: बेंगलुरू में हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद हर तरफ इस गठबंधन को इंडिया (INDIA) नाम देने की ही चर्चा है। विपक्ष ने इसे लेकर खूब सुर्खियां बटोरी हैं। राहुल गांधी से लेकर ममता बनर्जी तक तमाम नेता बेहद खुश और आत्मविश्वास ले लबरेज नजर आ रहे हैं। इंडिया के बाद भारत टैगलाइन भी विपक्ष ने अपने नाम कर लिया। अब तक सब कुछ बढ़िया रहा। लेकिन क्या वाकई में ऐसा है। विपक्षी नेताओं की खुशनुमा तस्वीरों के बीच एक गंभीर संकट भी साफ नजर आ रहा है। बताया जा रहा है बिहार के सीएम नीतीश कुमार खुश नहीं हैं। क्या है पूरा मामला जानते हैं।

नीतीश कुमार ने निभाई अहम भूमिका

बीजेपी और एनडीए के खिलाफ विपक्षी गठबंधन बनाने में नीतीश कुमार ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने दिल्ली से लेकर बंगाल और ओडिशा तक दौरे किए। राहुल-खरगे से लेकर ममता और नवीन पटनायक के साथ मुलाकात की। पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक भी सफलता के साथ आयोजित कराई। लेकिन बेंगलुरू में हुई दूसरी बैठक में नीतीश पहुंचे जरूर, लेकिन कम ही नजर आए। यहां तक कि उन्हें प्रेस कांफ्रेंस में भी नहीं देखा गया। चर्चा गर्म है कि कुछ मुद्दों पर वह नाराज हैं और पटना लौट गए थे। बताया जा रहा है कि वह इंडिया नाम से कतई सहमत नहीं थे। बीजेपी ने इसे मुद्दा बनाते हुए विपक्षी गठबंधन पर सवाल भी उठाने शुरू कर दिए हैं।

क्या नीतीश नहीं थे इंडिया नाम से सहमत

गठबंधन को इंडिया ( Indian National Developmental Inclusive Alliance) नाम देने की चर्चा के दौरान नीतीश कुमार ने कथित तौर पर सवाल उठाया कि किसी विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया कैसे रखा जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने इसमें एनडीए (NDA) अक्षरों पर भी आपत्ति जताई। बताया जा रहा है कि वामपंथी नेता भी झिझक रहे थे और उन्होंने अलग-अलग विकल्प सुझाए। हालांकि, अधिकांश दलों ने नाम को मंजूरी दे दी थी, इसलिए नीतीश कुमार को इसे स्वीकार करना पड़ा। बताया जा रहा है कि इंडिया नाम का श्रेय उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी और राहुल गांधी को दिया जा रहा है। सभी विपक्षी नेताओं से नाम को लेकर सुझाव मांगे गए थे।

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