नीतीश को नहीं पसंद है I.N.D.I.A नाम, बैठक में एजेंडा भी हो गया था अस्वीकार- PK का दावा
वह बोले कि जहां तक कुमार का सवाल है और इंडिया में भागीदारी की बात है तो अब तक उनकी जो अपेक्षा थी, वह पूरी नहीं हुई। आप लिखकर रख लें...अभी तक तीन बैठकें हो चुकी हैं, जबकि पहली मीटिंग पटना में हुई थी, तब यह माना जा रहा था कि कुमार सूत्रधार होंगे और उन्हें संयोजक बना दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर। (फाइल)
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडी(यू) के सीनियर नेता नीतीश कुमार भले ही विपक्षी खेमे में बड़ा और अनुभवी चेहरा हों, मगर इंडिया गठजोड़ में उनकी अपेक्षाएं फिलहाल पूरी नहीं हुई हैं। यह दावा करते हुए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने कहा है कि कुमार इकलौते ऐसे नेता हैं, जो विपक्षी गठबंधन के 'इंडिया' नाम से असहमत हैं।
सूबे के मुजफ्फरपुर में गुरुवार को अपनी जन सुराज पदयात्रा के क्रम में उन्होंने मीडिया वालों को बताया कि तीसरी बैठक में कुमार एजेंडा लेकर गए थे कि जातीय जनगणना को इंडिया मुख्य मुद्दा बनाए, लेकिन गठबंधन के सहयोगी दलों ने इसे मुख्य मुद्दे के तौर पर नहीं स्वीकार किया।
पीके ने आगे दावा करते हुए यहां तक यह भी कहा कि तीनों बैठकों में नीतीश को जैसी अपेक्षा थी, वह नहीं हो सकी। अभी तो शुरुआती दौर है, इसलिए आसान दिख रहा है। जब सीट शेयरिंग की बात होगी, मुद्दे की बात होगी तब आपको समझ में आएगा।
वह बोले कि जहां तक कुमार का सवाल है और इंडिया में भागीदारी की बात है तो अब तक उनकी जो अपेक्षा थी, वह पूरी नहीं हुई। आप लिखकर रख लें...अभी तक तीन बैठकें हो चुकी हैं, जबकि पहली मीटिंग पटना में हुई थी, तब यह माना जा रहा था कि कुमार सूत्रधार होंगे और उन्हें संयोजक बना दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बेंगलुरु में भी नीतीश कुमार के संयोजक बनाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।
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