KK Pathak: नीतीश के चहेते IAS हैं केके पाठक, सख्त तेवर वाले अधिकारी की लालू के करीबी नेता से ठनी

KK Pathak News : शिक्षा मंत्री ने पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग में सुधार के लिए आईएएस पाठक की ओर से उठाए गए कदम चंद्रशेखर को पसंद नहीं आए हैं। इसे लेकर शिक्षा मंत्री ने पाठक के खिलाफ पीत पत्र भेजा है। नीतीश सरकार में राजद कोटे से मंत्री चंद्रशेखर पहले भी रामचरित मानस पर बयान देकर विवादों में आ चुके हैं।

KK Pathak

केके पाठक सख्त मिजाज वाले अफसर हैं।

KK Pathak News : भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी केके पाठक एक बार फिर चर्चा में हैं। सियासी गलियारों में उनके एक्शन की चर्चा हो रही है। विवादों में आए पाठक पर राजनीतिक बयानबाजी खूब हो रही है। केके के मुद्दे पर जद-यू और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सुर एक हो गए हैं। ताजा विवाद शिक्षा विभाग की कार्यशैली सुधारने की मंशा से उनकी ओर से जारी फरमानों पर हुई है। पाठक की मंशा भले ही नेक हो लेकिन उनकी 'अति सक्रियता' शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को नागवार गुजरी।

यह भी पढ़ें-लालू यादव के करीबी शिक्षा मंत्री का विवादों से रहा है नाता

चंद्रशेखर को पसंद नहीं आए शिक्षा विभाग में सुधार?

शिक्षा मंत्री ने पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग में सुधार के लिए आईएएस पाठक की ओर से उठाए गए कदम चंद्रशेखर को पसंद नहीं आए हैं। इसे लेकर शिक्षा मंत्री ने पाठक के खिलाफ पीत पत्र भेजा है। नीतीश सरकार में राजद कोटे से मंत्री चंद्रशेखर पहले भी रामचरित मानस पर बयान देकर विवादों में आ चुके हैं। अब पाठक के साथ उनकी रस्साकशी चर्चा में है। दरअसल, कुछ समय पहले पाठक की नियुक्ति शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव पद पर हुई है। विभाग में आने के बाद पाठक ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली को दुरुस्त करने की कोशिश की। शिक्षा विभाग में व्यवस्था को सुधारने के लिए उन्होंने नोटिस जारी किए।

पत्र में पाठक की कार्यशैली पर सवाल

रिपोर्टों के मुताबिक चंद्रशेखर ने अपने पत्र में पाठक पर कार्यसंहिता के मुताबिक काम नहीं करने का आरोप लगाया है। पत्र के अनुसार अधिकारियों को उनके पद के अनुरूप काम नहीं दिया जा रहा है। कुल मिलाकर चंद्रशेखर ने पाठक की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। इस मामले में दिलचस्प यह है मुख्यमंत्री नीतीश कुमिार पाठक को बहुत पसंद करते हैं जबकि शिक्षा मंत्री लालू के करीबियों में से एक हैं।

कौन हैं KK पाठक

केके पाठक का पूरा नाम केशव कुमार पाठक है। नौकरशाही में यह केके पाठक नाम से मशहूर हैं। पाठक 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश के रहने वाले पाठक बिहार आने से पहले दिल्ली में प्रतिनियुक्त पर थे। इनकी गिनती शुरू से ही तेज-तर्रार एवं काबिल अफसरों में होती है। इनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर ही नीतीश कुमार ने इन्हें अपनी महात्वाकांक्षी योजना शराबबंदी योजना को सफल बनाने की कमान इनके हाथ में सौंपी। 2015 में महागठबंधन की सरकार बनने और 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद नीतीश ने पाठक को निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेद विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया।

शराबबंदी की कमान पाठक को सौंपी

केशव कुमार पाठक, लेकिन ब्यूरोक्रैसी के गलियारों में इन्हें इनके शॉर्ट नेम केके पाठक के नाम से ही जाना जाता है। पाठक उत्तर प्रदेश के रहनेवाले हैं, लेकिन 2015 में जब महागठबंधन सरकार सत्ता में आई थी तो ये दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर थे। उस वक्त इनकी वापसी बिहार में कराई गई। तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता खासतौर पर महिलाओं से शराबबंदी का वादा कर रखा था।

माफिया पाठक के नाम सुन कांपते हैं

पाठक के बारे में कहा जाता है कि ये अगर कोई काम करने की ठान लेते हैं तो उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं। इसके लिए वह सख्त फैसले लेने से भी नहीं हिचकिचाते। माफिया एवं बदमाश इनके नाम से कांपते हैं। एक बार इन्होंने एक ठेकेदार के ऊपर पिस्टल तान दी थी। इसके अलावा एक बार इन्होंने बैंक के सात मैनेजरों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था। पाठक की कार्यशाली ने इनकी पहचान एक जिद्दी एवं कड़क अफसर की बनाई है।

जब पाठक को वापस बुलाना पड़ा

कहा जाता है कि लालू यादव जब बिहार के मुख्यमंत्री थे तो उन्हें पाठक के बारे में पता चला। लालू ने इस काबिल अफसर की अपने गृह जिले गोपालगंज में तैनाती कराई। गोपालगंज में अपनी पोस्टिंग के दौरान पाठक ने नियम एवं कानून के हिसाब से काम करना शुरू किया। बताया जाता है कि इससे लालू यादव के करीबियों को परेशानी होने लगी। इनके बारे में शिकायत सीएम लालू तक पहुंचाई जाने लगी। फिर राजद सुप्रीमो ने पाठक को वापस सचिवालय में बुलाना पड़ा।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

End of Article
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited