Caste Survey: 'नीतीश सरकार का जाति सर्वेक्षण बिहार के लोगों को मूर्ख बनाने के लिए, राहुल गांधी का आरोप

Rahul Gandhi on Caste Survey: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर देश में 'संविधान को कमजोर करने और हाशिए पर पड़े समुदायों की उपेक्षा करने' का भी आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की 'सच्ची आजादी' वाली टिप्पणी 'देश के संविधान के खिलाफ' है।

Rahul Gandhi on Caste Survey

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी

Rahul Gandhi on Caste Survey: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की मांग को दोहराते हुए शनिवार को कहा कि उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी इसे किसी भी कीमत पर करवाकर रहेगी। उन्होंने बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को ‘फर्जी’ बताया और कहा कि यहां लोगों को बेवकूफ बनाया गया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर देश के संविधान को कमजोर करने और हाशिए पर पड़े समुदायों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस प्रमुख मोहन का ‘सच्ची आजादी’ वाला बयान 'देश के संविधान के खिलाफ है'। राहुल ने पटना के बापू सभागार में ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा, 'दलितों, अल्पसंख्यकों और सामाजिक रूप से हाशिये पर रहे समुदायों की आबादी देश की कुल जनसंख्या का नब्बे फीसदी है, लेकिन वे व्यवस्था का हिस्सा नहीं हैं....यही कारण है कि हम जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा, 'हमारा पहला कदम यह पता लगाना होगा कि देश में विभिन्न जातियों की स्थिति क्या है और हम इसे (जातीय जनगणना) छोड़ने वाले नहीं हैं। यह बिहार वाली जाति आधारित गणना नहीं होगी, जो फर्जी और लोगों को बेवकूफ बनाने वाली है।”उन्होंने कहा, 'बिना जातीय जनगणना के विकास की सही तरीके से बात नहीं की जा सकती। इसलिए मैंने संसद में मोदी जी के सामने कहा है, चाहे कुछ भी हो जाए कांग्रेस जाति जनगणना करवाकर रहेगी।”

ये भी पढ़ें- BPSC Protest: पटना में राहुल गांधी बीपीएससी आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों से मिले, कहा-'आपके साथ खड़ा है राहुल'

उन्होंने कहा कि पूरे देश में जातीय जनगणना कराना इसलिये महत्वपूर्ण है ताकि पता लगाया जा सके कि नौकरशाही और अन्य क्षेत्रों में ओबीसी, दलितों और अन्य की कितनी भागीदारी है।उन्होंने कहा, 'जातीय जनगणना का उद्देश्य सिर्फ विभिन्न जातियों की संख्या का पता लगाना नहीं, बल्कि देश की संपत्ति में उनकी हिस्सेदारी के बारे में भी जानना है...।'

उन्होंने दावा किया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने कहा, 'हम बहुसंख्य लोगों के लाभ के लिये इस सीमा को बढ़ाएंगे।'उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की ‘सच्ची आजादी’ वाले बयान का उल्लेख करते हुए कहा, 'राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन देश को सच्ची आजादी मिलने से संबंधित उनका (भागवत का) बयान संविधान के खिलाफ है।'

उन्होंने संविधान की प्रति की ओर इशारा किया और भागवत की आलोचना करते हुए कहा, 'वह (भागवत) ऐसा कहकर इसको (संविधान को) नकार रहे हैं।'राहुल ने कहा, 'वह (भागवत) खुले मंच से कह रहे हैं कि इस किताब में जो सच है, उसका हिंदुस्तान के लिए कोई मतलब नहीं। यह आजादी का नतीजा नहीं था, क्योंकि उस समय मोहन भागवत के मुताबिक आजादी तो मिली नहीं। वह इसकी (संविधान) सोच को, डॉ. बीआर आंबेडकर, महात्मा गांधी, भगवान बुद्ध, फुले जी की सोच को मिटाने में लगे हुए हैं।'

उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 'मोदी जी संसद में आते हैं... पहले कहते थे 400 सीट आएंगी, तो हम संविधान बदल देंगे और फिर जब हमने (जनता-विपक्षी दलों ने) मिलकर मोदी जी को संविधान की सच्चाई समझाई, तो फिर वह संविधान के सामने मत्था टेकने लगे।”उन्होंने कहा, 'आपने (भाजपा) कहा कि राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। आज के हिंदुस्तान में विधायक और सांसद के पास किसी तरह की शक्ति नहीं है। मैं लोकसभा में भाजपा के पिछड़े वर्ग, दलित, आदिवासी सांसदों से मिलता हूं। वे मुझसे कहते हैं कि हमें पिंजरे में बंद करके यहां टांग रखा है। शक्ति किसी और के पास और प्रतिनिधित्व किसी दूसरे के पास है। इसका यह मतलब नहीं है कि प्रतिनिधित्व नहीं मिलना चाहिए, जरूर मिलना चाहिए, लेकिन मेरा कहना है सिर्फ प्रतिनिधित्व से काम नहीं चलने वाला है।' उन्होंने कहा, “हम संविधान की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। यह राजनीतिक लड़ाई संविधान और मनुवाद के बीच है। एक तरफ समानता व एकता है, तो दूसरी तरफ नफरत व हिंसा।”

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited