नीतीश कुमार ही बीजेपी के मददगार, जानें-असदुद्दीन ओवैसी की बातों में है कितना दम
Asaduddin Owaisi on Nitish Kumar: कहा जाता है कि बिहार की सियासत को समझना आसान नहीं। कब कौन किसके साथ हो जाए पता नहीं चलता। 2020 के विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने एंट्री मारी कुछ कामयाबी भी मिली। लेकिन आगे चलकर क्या कुछ हुआ सबको पता है। इन सबके बीत असदुद्दीन ओवैसी ने नीतीश कुमार पर हमला किया।
असदुद्दीन ओवैसी,मुखिया, एआईएमआईएम
मुख्य बातें
- बिहार में इस समय आरजेडी-जेडीयू की सरकार
- नीतीश कुमार पर ओवैसी का तीखा हमला
- नीतीश कुमार ने हमेशा बीजेपी की मदद की है
Asaduddin Owaisi on Nitish Kumar: असदुद्दीन ओवैसी के तीखे बोल से हर कोई वाकिफ है। तेलंगाना से बाहर वो पांव पसारने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें बिहार में कामयाबी मिली। हालांकि उनके अपने विधायक अपने नहीं रहे। वो तरह तरह के आरोप लगाते हैं। इन सबके बीच बिहार की सियासत पर टिप्पणी करते हुए बताया कि नीतीश कुमार को देश किस रूप में याद करेगा। पूर्णिया में ओवैसी ने एक तरफ खुद के बारे में मुस्लिम परस्त होने ले इनकार किया। लेकिन नीतीश के बारे में कहा कि वो खास समाज और सोच से बाहर नहीं निकल सकते। बीजेपी का विरोध वो सिर्फ कहने के लिए करते हैं। हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं। बीजेपी को उन्होंने फलने फूलने में मदद की है। लेकिन क्या ओवैसी इस तरह की बातों को कह सिर्फ कहने के लिए विरोध की बात कर रहे हैं या वास्तव में उनकी बातों में दम है।
'नीतीश ही बीजेपी के मददगार'
ओवैसी ने पूर्णिया में कहा कि भारत में लोग और इतिहास नीतीश कुमार को बीजेपी को मजबूत करने के रूप में याद करेगा। गुजरात जब जल रहा था तो वो रेल मंत्री थे। अगर वो समझते हैं कि एआईएमआईएम सिर्फ मुस्लिमों की पार्टी है तो वो कुर्मी और कुशवाहा से आगे नहीं बढ़ सकते। उन्होंने कहा कि आप सिर्फ बातों से बीजेपी को परास्त नहीं कर सकते हैं, जो भाषा बोलते हैं उसे जमीन पर उतारने की कोशिश भी तो करिए। लेकिन बिहार में क्या हो रहा है। नीतीश कुमार का रुख लालू परिवार के मामले में साफ क्यों नहीं आ रहा। नीतीश कुमार आखिर किस दिन का इंतजार कर रहे है जब वो कड़े अंदाज में बीजेपी की मुखालफत करेंगे।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि बिहार की राजनीति में अब स्वार्थ की मात्रा बढ़ गई है। किसी तरह से कुर्सी पर काबिज रहने के लिए नैतिकता विहीन राजनीति का स्तर बढ़ गया है। अगर आप नीतीश कुमार को देखें तो वो अलग अलग घटक दलों के साथ सरकार में बने हैं। आप इसे सुविधा वाली राजनीति मान सकते हैं। अगर ओवैसी कहते हैं कि नीतीश कुमार ने बीजेपी की मदद की है तो उसमें गलत बात नहीं है। इस बात से पूरी दुनिया वाकिफ है कि अगर बीजेपी को नीतीश का साथ नहीं मिला होता तो संसदीय सीटों पर बीजेपी का आंकड़ा कभी बेहतर ना हो पाता। बिहार विधानसभा में बीजेपी दूसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी ना होती। लेकिन जब ओवैसी पूरी तरह से नीतीश कुमार को ही कसूरवार ठहराते हैं तो शायद वो अपने योगदान को भूल जाते हैं। राजनीति में परसेप्शन की लड़ाई अहम है। अगर ओवैसी को बिहार में राजनीति करनी है तो जाहिर सी बात है कि वो गैर फिरकापरस्त ताकतों के खिलाफ ही बोलेंगे और यह काम पहले से वहां के राजनीतिक दल करते रहे हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
ललित राय author
खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया म...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited