एक बार तो कांग्रेस में जेडीयू के विलय की दी सलाह, पीके पर नीतीश बोल

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर को जो मन में आता है बोलता रहता है। उसका काम ही बोलना है। बता दें कि प्रशांत किशोर ने कहा था कि नीतीश कुमार ने पद देने की पेशकश की थी।

नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

प्रशांत किशोर इस समय दो वजहों से चर्चा में हैं चर्चा की पहली वजह उनकी सू-राज यात्रा है तो दूसरी वजह नीतीश कुमार के बारे में खुलासा कि वो पद देना चाहते थे। हालांकि पद लेने से इनकार कर दिया। अब सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वो यानी प्रशांत किशोर वैसे हो बोलता रहता है। उसे जो मन में आए बोले। अब उसके बयानों पर रोज रोज क्या बोलें। लेकिन आप लोग (यानी मीडिया) जब सवाल पूछते हैं तो कुछ बोल देता हूं। उन्होंने कहा कि पद का ऑफर नहीं दिया था। वो वैसे ही बोल रहा है। करीब चार से पांच साल पहले उसने कहा था कि जेडीयू का कांग्रेस में विलय कर दीजिए। भला ये कोई बात हुई। सबकी अपनी अपनी राजनीति है, जिसे जो बोलना हो वो बोल सकता है। अब वो क्या कहें कि प्रशांत किशोर उनके घर रहा करता था। दरअसल जिसके लिए वो काम कर रहा है, करे। जब पत्रकारों ने पूछा कि प्रशांत किशोर किसके लिए काम कर रहे हैं तो जवाब था बीजेपी के लिए। वो इस समय उनकी भाषा बोल रहा है।

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प्रशांत किशोर हाल ही में बिहार के सीएम से मिले थे। जब यह जानकारी मीडिया में आई तो उन्होंने कहा कि हां मुलाकात हुई थी। जब पूछा गया कि बात क्या हुई तो जवाब था कि अगर बिहार के सीएम की कुर्सी को नीतीश कुमार खाली कर दें तो भी जेडीयू के साथ नहीं जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनके ऊपर दलाली का आरोप लगा रहे हैं तो उन आरोपों पर इतना ही कहना चाहेंगे कि वो दलाली नहीं बल्कि लोगों से चंदा मांग रहे हैं। उनका मकसद बिहार की राजनीति में ईमानदार, मेहनतकश लोगों को राजनीति में लाना है। बिहार में बदलाव के नाम पर वैसे तो कुछ नहीं हुआ लेकिन सत्ता परिवर्तन हुआ और एक शख्स लगातार कुर्सी से चिपके रहा।

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