क्या संसद के नए भवन से बदल जाएगा देश का इतिहास, नीतीश के बोल सिर्फ सियासी तो नहीं

Nitish Kumar on parliament new Building:बिहार के सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि संसद के नए भवन की जरूरत ही क्या है। नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग सत्ता में हैं वो इस देश का इतिहास बदल देंगे।

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Nitish Kumar on parliament new Building: 28 मई को पीएम नरेंद्र मोदी संसद के नए भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। लेकिन इस विषय पर सियासत जमकर हो रही है। जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि आखिर जरूरत ही क्या थी। अगर वो सरकार में आएंगे तो संसद के नए भवन में दूसरा काम कराएंगे तो अब सीएम नीतीश कुमार भी मैदान में हैं, उन्होंने कहा कि संसद के नए भवन की जरूरत ही क्या था। संसद की पुरानी बिल्डिंग ऐतिहासिक है, वो पहले ही कह चुके हैं कि जो लोग सत्ता में हैं वो देश के इतिहास को बदल देंगे।नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। लेकिन आठ राज्यों के सीएम इस बैठक से दूर रहे उनमें से बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी शामिल हैं। काम में व्यस्तता का हवाला देकर उन्होंने नीति आयोग की बैठक से दूरी बनाई और पटना में नीति आयोग और संसद के नए भवन को लेकर बड़ा बयान दिया।उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह कि नीति आयोग की बैठक में शामिल होने का सेंस नहीं बनता यानी मतलब नहीं है।

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विपक्ष में ही कई मत

नीतीश कुमार के अलावा कांग्रेस पहले से ही सवाल उठा रही है कि राष्ट्रपति उद्घाटन समारोह में ना बुलाकर मौजूदा मोदी सरकार ने आदिवासी समाज का अपमान किया है। हालांकि बीजेपी की तरफ से छत्तीसगढ़ की गवर्नर रहीं अनुसुइया उइके का उदाहरण देकर निशाने को कुंद करने की कोशिश की गई है। यह बात अलग है कि डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कहा कि सभी सांसदों को नये संसद भवन के निर्माण का स्वागत करना चाहिए।हालांकि कांग्रेस के पूर्व नेता आजाद ने यह भी कहा कि नये संसद भवन के निर्माण का विचार सबसे पहले पी वी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार के समय में रखा गया था। लेकिन बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।आजाद ने कहा कि यह (नये संसद भवन का निर्माण) अच्छी बात है। यह एक अच्छी संसद है। नरसिम्हा राव सरकार के दौरान भी ऐसा प्रस्ताव था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका। अब जब इसका निर्माण हो गया है, तो सभी सांसदों को इसका स्वागत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पर कोई आपत्ति नहीं है।”

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ललित राय author

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