बढ़ सकती हैं नीतीश कुमार की मुश्किलें! सत्ता में मलाई की मांग कर रही सहयोगी पार्टियां

Bihar: महागठबंधन में शामिल सिर्फ दो विधायकों वाले भाकपा के वरिष्ठ नेता अतुल कुमार अंजान ने कहा कि बिहार में महागठबंधन के सभी भागीदारों के बीच भागीदारी की भावना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण निगम और आयोग हैं, जिनमें से कुछ के पास अर्ध-न्यायिक शक्तियां हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के नेताओं को निर्णायक भूमिका दी जानी चाहिए।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। (File Photo)

मुख्य बातें
  1. सत्ता में और अधिक हिस्सेदारी चाहते हैं JDU-RJD की सहयोगी पार्टियां
  2. मामले में जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे सहयोगी पार्टियों के प्रतिनिधि
  3. भाकपा माले के पास हैं 12 विधायक

Bihar: बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के छोटे घटक दल राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले आयोग, बोर्ड और अन्य संस्थाओं में शीर्ष पदों की मांग कर रहे हैं ताकि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार के कामकाज को प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जा सके। बिहार विधानसभा में भाकपा (माले) के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने ‘पीटीआई/भाषा’ को बताया कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सभी सहयोगी पार्टियों के प्रतिनिधियों का एक दल जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा।

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उन्होंने कहा कि मैंने हाल ही में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात की और मांग की कि सरकार के प्रभावी कामकाज के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों या गठबंधन सहयोगियों के नेताओं को विभिन्न आयोगों, बोर्डों और निगमों में जगह दी जानी चाहिए। भाकपा माले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन बाहर से सरकार का समर्थन करती है। पार्टी के नेता ने कहा कि बिहार सरकार के तहत कई निकाय यथा राज्य मानवाधिकार आयोग, अनुसूचित जाति-जनजाति, महिला आयोग आदि में महागठबंधन के सहयोगियों के नेताओं को जिम्मेदार पदों की पेशकश की जा सकती है।

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