मोदी सरकार के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्तावः इंदिरा गांधी को 15 तो शास्त्री को तीन बार करना पड़ा था सामना

मोदी सरकार के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने से पहले कुल 27 बार अविश्वास प्रस्ताव लाए गए हैं और इनमें से किसी भी मौके पर सरकार नहीं गिरी, हालांकि विश्वास प्रस्ताव का सामना करते हुए तीन सरकारों को जाना पड़ा। आखिरी बार 1999 में विश्वास प्रस्ताव का सामना करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिरी थी।

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (10 अगस्त, 2023) को संसद के निचले सदन लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात रखेंगे। यह जानकारी बुधवार (नौ अगस्त, 2023) को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि पीएम सदन में मौजूद रहेंगे और वह नो-कॉन्फिडेंस मोशन का जवाब देंगे। वैसे, मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अपने नौ वर्षों में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है। हालांकि, संख्याबल को देखते हुए प्रस्ताव का विफल होना संभावित दिखाई देता है।

संख्याबल स्पष्ट रूप से भाजपा के पक्ष में है और निचले सदन में विपक्षी दलों के 150 से कम सदस्य हैं। लेकिन उनकी दलील है कि वे चर्चा के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए धारणा से जुड़ी लड़ाई में सरकार को मात देने में सफल रहेंगे। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए जरूरी है कि उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि तय करने के संदर्भ में 10 दिनों के भीतर फैसला करना होता है। सदन की मंजूरी के बाद इस पर चर्चा और मतदान होता है। अगर सत्ता पक्ष इस प्रस्ताव पर हुए मतदान में हार जाता है तो प्रधानमंत्री समेत पूरी मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना होता है।

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