अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तो कौन जीतेगा? जानिए संसद में कौन ताकतवर NDA या 'INDIA'

No Confidence Motion in Loksabha: अविश्वास प्रस्ताव लाने का विपक्ष का मकसद कुछ दूसरा है। वह अविश्वास प्रस्ताव लाकर बयान के लिए प्रधानमंत्री पर दबाव बनाना चाहता है। सीटों के आंकड़े को देखने से साफ जाहिर है कि विपक्ष का उद्देश्य सरकार गिराना नहीं बल्कि पीएम का बयान दिलवाना है। उसका मकसद पूरी तरह से राजनीतिक लगता है।

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संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश हुआ है।

No Confidence Motion : मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने की मांग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं। मणिपुर के हालात पर पीएम मोदी के बयान को लेकर संसद में गतिरोध कायम है। अब पीएम के बयान की मांग करते हुए कांग्रेस ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है। कांग्रेस की ओर से पेश इस अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने निम्न सदन में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। जाहिर है कि इस पर चर्चा के बाद वोटिंग होगी। लोकसभा और राज्यसभा में सदस्यों की संख्या की अगर बात करें तो निम्न सदन में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन के पास दो तिहाई बहुमत से ज्यादा का आंकड़ा है।

'INDIA' में शामिल हैं विपक्ष के 26 दल

उच्च सदन में भी उसकी स्थिति अच्छी है और संकट के समय एवं जरूरत पड़ने पर बीजद, वाईएसआर कांग्रेस सहित अन्य दलों का उसे समर्थन मिल जाता है। फिर भी 'INDIA' में शामिल विपक्ष के 26 दल अपनी हार देखते हुए भी यह प्रस्ताव लेकर आए हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाने का विपक्ष का मकसद कुछ दूसरा है। वह अविश्वास प्रस्ताव लाकर बयान के लिए प्रधानमंत्री पर दबाव बनाना चाहता है। सीटों के आंकड़े को देखने से साफ जाहिर है कि विपक्ष का उद्देश्य सरकार गिराना नहीं बल्कि पीएम का बयान दिलवाना है। उसका मकसद पूरी तरह से राजनीतिक लगता है। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग केवल लोकसभा में होती है राज्यसभा में नहीं।

2018 में भी विपक्ष लाया था अविश्वास प्रस्ताव

विपक्ष की ओर से साल 2018 में भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। उस समय अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ यानि मोदी सरकार के समर्थन में 325 वोट और इस प्रस्ताव के समर्थन में यानि विपक्ष को 126 वोट मिले थे। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का यह प्रस्ताव गिर गया था। संसद में अभी सत्ता पक्ष और अन्य दल सहित विपक्ष की सीटों की संख्या कुछ इस प्रकार है-

लोकसभा में NDA की ताकतभारतीय जनता पार्टी- 301

शिवसेना शिंदे गुट- 12

लोक जन शक्ति पार्टी- 6

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- 3

निर्दलीय- 2

अपना दल (सोनीलाल)- 2

आजसू पार्टी- 1

अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम- 1

मिजो नेशनल फ्रंट- 1

नागा पीपुल्स फ्रंट- 1

नेशनल पीपुल्स पार्टी- 1

नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी- 1

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा- 1

कुल- 333

लोकसभा में विपक्षी दलों की ताकतकांग्रेस- 50

डीएमके- 24

तृणमूस कांग्रेस- 23

जेडीयू- 16

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग- 3

जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस- 3

समाजवादी पार्टी- 3

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- 3

आम आदमी पार्टी- 1

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा- 1

केरल कांग्रेस (एम)- 1

रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी- 1

विदुथलाई चिरुथिगल काची- 1

शिवसेना- 7

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- 3

कुल- 142

लोकसभा में अन्य दलवाईएसआर कांग्रेस- 22

बीजू जनता दल- 12

बहुजन समाज पार्टी- 9

तेलंगाना राष्ट्र समिति- 9

तेलुगु देशम पार्टी- 3

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन- 2

शिरोमणि अकाली दल- 2

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट-1

जनता दल (सेक्युलर)- 1

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी- 1

शिरोमणि अकाली दल (सिमरनजीत सिंह मान)- 1

निर्दलीय- 1

कुल- 64

राज्यसभा में एनडीए की ताकतभारतीय जनता पार्टी- 92

मनोनीत- 5

एआईएडीएमके- 4

असम गण परिषद- 1

मिजो नेशनल फ्रंट- 1

नेशनल पीपुल्स पार्टी- 1

पट्टाली मक्कल काची- 1

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले)- 1

सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट- 1

तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार)- 1

यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी (लिबरल)- 1

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- 1

निर्दलीय एवं अन्य- 1

कुल- 111

राज्यसभा में विपक्ष की संख्याकांग्रेस- 31

तृणमूल कांग्रेस- 12

आम आदमी पार्टी- 10

डीएमके- 10

राजद- 6

सीपीआई (एम)- 5

जेडीयू- 5

एनसीपी- 3

निर्दलीय एवं अन्य- 2

समाजवादी पार्टी- 3

शिवसेना- 3

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- 2

झारखंड मुक्ति मोर्चा- 2

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग- 1

केरल कांग्रेस (एम)- 1

मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम- 1

राष्ट्रीय लोकदल- 1

कुल- 98

राज्यसभा में अन्य दलबीजू जनता दल- 9

वाईएसआर कांग्रेस- 9

भारत राष्ट्र समिति- 7

बहुजन समाज पार्टी- 1

जनता दल (सेक्युलर)- 1

तेलुगु देशम पार्टी- 1

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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