Exclusive Interview में बोले पीएम मोदी, 'No If No But, रेवन्ना को वापस लाकर कड़ी से कड़ी सजा दिलवानी चाहिए'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टाइम्स नाउ नवभारत के साथ Exclusive Interview में प्रज्ज्वल रेवन्ना के मामले में भी खुलकर बात की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अत्याचारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कर्नाटक सरकार को कार्रवाई न करने के लिए जिम्मेदार भी ठहराया।

प्रज्ज्वल रेवन्ना पर क्या बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Times Now Navbharat के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दिल खोलकर बाते कीं। टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर इन चीफ, नाविका कुमार और कंसल्टिंग एडिटर टाइम्स नाउ नवभारत सुशांत सिन्हा के तीखे प्रश्नों के उत्तर भी बड़ी सहजता से दिए। प्रधानमंत्री ने इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भविष्य की योजनाओं के बारे में तो बात की ही, अपनी सरकार की कई उपलब्धियों का भी जिक्र किया। इस दौरान उनके सामने लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी NDA की सहयोगी पार्टी JDS नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना के सेक्स स्कैंडल से जुड़ा प्रश्न भी रखा गया। पीएम मोदी ने इस इस प्रश्न पर दो-टूक जवाब दिया।
टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर इन चीफ, नाविका कुमार ने Exclusive Interview के दौरान पीएम मोदी से प्रज्ज्वल रेवन्ना को लेकर प्रश्न किया। उन्होंने पूछा यह देखकर तकलीफ होती है, प्रज्ज्वल रेवन्ना संसद सदस्य भी हैं। कल ही उनके पिता, उनके फार्म हाउस से एक महिला, एक हेल्पर मिली है। जिस तरह से 2976 वीडियोज की बात कही जा रही है और वह आदमी देश से भाग जाता है, इस पर हम क्या करेंगे? क्या हम लाचार और मजबूर हैं, क्या हम उसे वापस लाएंगे, इस पर महिलाओं को न्याय कैसे मिलेगा?

'कर्नाटक सरकार को कदम उठाने चाहिए'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा, ये कानून व्यवस्था का मुद्दा है। अगर बंगाल में इस तरह की घटना होती है तो बंगाल सरकार की जिम्मेदारी है। गुजरात में होती है तो गुजरात सरकार की जिम्मेदारी है, आंध्र में होती है तो आंध्र की, तेलंगाना में होती है तो वहां की सरकार की। कर्नाटक में है तो कर्नाटक सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जरूरी कदम उठाए।

प्रज्ज्वल रेवन्ना पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

तस्वीर साभार : Times Now Digital
पीएम मोदी ने कहा, एज फार एज मोदी कंसर्न, एज फार एज बीजेपी कंसर्न, एज फार एज आवर कॉन्स्टीट्यूशन इज कंसर्न...मेरा साफ मत है कि ऐसे अत्याचारियों को जरा भी बक्शा नहीं जाना चाहिए। उन्हें कठोर से कठोर सजा होनी चाहिए और जो भी कानूनी रास्ते हों, उनका भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए।
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