Sahara Group को राहत नहींः SEBI ने कर दिया साफ- सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी जारी रहेगा केस
दरअसल, सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वह 75 साल के थे। रॉय ने खुदरा, रियल एस्टेट और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में एक विशाल व्यापारिक साम्राज्य खड़ा किया था। हालांकि, वह बड़े विवाद के केंद्र में भी रहे और उन्हें समूह की कंपनियों के संबंध में कई नियामक और कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा था।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
सहारा के संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी उनके समूह को रियायत और राहत नहीं मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने साफ कर दिया है कि उनकी मृत्यु के बाद भी केस जारी रहेगा।
गुरुवार (16 नवंबर, 2023) को सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने बताया कि रॉय के निधन के बाद भी पूंजी बाजार नियामक समूह के खिलाफ मामला जारी रखेगा। यह टिप्पणी उन्होंने फिक्की के एक कार्यक्रम से इतर बुच ने पत्रकारों से बात करते हुए की। उनके मुताबिक, सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है और यह जारी रहेगा चाहे कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं।
दरअसल, सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वह 75 साल के थे। रॉय ने खुदरा, रियल एस्टेट और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में एक विशाल व्यापारिक साम्राज्य खड़ा किया था। हालांकि, वह बड़े विवाद के केंद्र में भी रहे और उन्हें समूह की कंपनियों के संबंध में कई नियामक और कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा था।
रॉय निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सेबी-सहारा मामले में 25,700 करोड़ रुपए जमा न करने को लेकर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट की तामील करते हुए चार मार्च, 2014 को टॉप कोर्ट पहुंचे थे। 2014 के उस दिन कोर्ट के बाहर नाटकीय दृश्य था जब रॉय अपनी पहचान बन चुकी सफेद शर्ट, काली जैकेट और सहारा के लोगो वाली काली टाई पहनकर वहां पहुंचे थे।
इस बीच, खुद को ग्वालियर का वकील बताने वाले मनोज शर्मा नाम के व्यक्ति ने रॉय के चेहरे पर स्याही फेंक दी। फिर उस व्यक्ति ने अपनी शर्ट उतार कर चिल्लाना शुरू कर दिया, ‘‘वह (सुब्रत रॉय) चोर है और उसने गरीबों के पैसे मारे हैं’’।
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