नॉर्थ ईस्ट में तैयार हो रहा पहला अंतर्राष्ट्रीय रेलवे स्टेशन, भूटान-म्यांमार के लिए मिलेगी ट्रेन
भारत और भूटान के बीच बन रही इस रेलवे लिंक का सर्वेशन अप्रैल 2023 में ही पूरा कर लिया गया था और इसका कार्य 2026 तक पूरा होने की संभावना है।
नॉर्थ ईस्ट में बनेगा अंतर्राष्ट्रीय रेलवे स्टेशन (फाइल फोटो)
International Railway Connectivity: उत्तर-पूर्व में बहुत जल्द पहली अंतरराष्ट्रीय रेलवे कनेक्टिविटी शुरू होगी। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेलवे के बुनियादी ढांचे के समग्र विकास के लिए पहली बार पहाड़ी और सीमावर्ती इलाकों को जोड़ने के लिए 1.20 लाख करोड़ रुपये का बजट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी के तहत इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा रहा है।
भारत-चीन सीमा पर कनेक्टिविटी बढ़ाने की कोशिश
सीमा कनेक्टिविटी बढ़ाने के रेलवे के प्रयासों पर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने एएनआई को बताया कि हमारा ध्यान मुख्य रूप से भारत-चीन सीमा पर है। हम म्यांमार पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, इम्फाल-मोरेह लाइन को प्रारंभिक मंजूरी दे दी गई है।
भूटान को जोड़ेगी कोकराझार-गेलेफू रेलवे लाइन
उन्होंने कहा, सैरांग-हबिछुआ रेलवे लाइन, जो मिजोरम के दक्षिण में है और कलादान मल्टीमॉडल प्रोजेक्ट को जोड़ती है, उसे भी मंजूरी दे दी गई है। भूटान को जोड़ने वाली कोकराझार-गेलेफू रेलवे लाइन भी तैयार होगी। बहुत ही कम समय में अगरतला-अखौरा रेलवे प्रोजेक्ट भी चालू हो जाएगा। इस तरह उत्तर पूर्व में जल्द ही पहली अंतरराष्ट्रीय सीमा-पार रेलवे कनेक्टिविटी होगी।
बता दें कि भारत और भूटान के बीच बन रही इस रेलवे लिंक का सर्वेशन अप्रैल 2023 में ही पूरा कर लिया गया था और इसका कार्य 2026 तक पूरा होने की संभावना है। इस परियोजना में भारत के असम में कोकराझार से लेकर भूटान के गेलेफू तक 57 किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछेगी।
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