4 साल हो गए पर लोकपाल ने एक भी आरोपी पर मुकदमा नहीं चलाया- संसदीय समिति की रिपोर्ट में खुलासा

मार्च 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को देश के पहले लोकपाल के रूप में शपथ दिलाई थी। इसी महीने में लोकपाल समिति भी गठित की गई थी।लोकपाल का नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है और इसमें आठ सदस्य (चार न्यायिक और शेष गैर-न्यायिक) हो सकते हैं। लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम को 2013 में पारित किया गया था।

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लोकपाल को लेकर संसदीय समिति का बड़ा खुलासा

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल
लोकपाल को लेकर इस देश में लंबा आंदोलन चल चुका है, विवाद और बहस होते रहे हैं, लेकिन जिन दावों के साथ लोकपाल का गठन किया गया था, वो खोखला नजर आ रहा है। पिछले चार सालों में लोकपाल ने किसी भी भ्रष्टाचार के आरोपी पर मुकदमा तक नहीं चलाया है। संसदीय समिति की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
क्या है रिपोर्ट में
हाल ही में संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लोकपाल कई शिकायतों को इस आधार पर निपटारा कर रहा है कि वो निर्धारित प्रारूप में नहीं था। रिपोर्ट में लाकपाल की कार्यशैली और रिक्त पदों को लेकर भी सवाल उठाया गया है।
किसकी है रिपोर्ट
यह रिपोर्ट कार्मिक, लोक शिकायत, कानून एवं न्याय पर विभाग संबंधी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में कहा गया- "लोकपाल ने समिति को बताया है कि उसने आज तक भ्रष्टाचार के आरोपी एक भी व्यक्ति पर मुकदमा नहीं चलाया है। समिति ने कहा कि उसकी राय है कि लोकपाल का गठन सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए किया गया था। साथ ही इसका गठन कानूनी और संस्थागत तंत्र को मजबूत करने के लिए किया गया था। लेकिन लोकपाल का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं लगता है।"
दी ये सलाह
रिपोर्ट में कहा गया कि लोकपाल को अवरोधक के बजाय एक सहायक के रूप में कार्य करना चाहिए। कमेटी ने लोकपाल से सिफारिश की कि वह केवल तकनीकी आधार पर वास्तविक शिकायतों को खारिज न करे। रिपोर्ट में कहा गया है- "ऐसे मोड़ पर जब भारत जी-20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह का नेतृत्व कर रहा है, लोकपाल को इस मौके पर आगे आना चाहिए और देश में भ्रष्टाचार विरोधी परिदृश्य को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।"
कितनी शिकायतों का निपटारा
लोकपाल को वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 2,518 शिकायतें मिली थीं, जो निर्धारित प्रारूप में नहीं थीं। इस अवधि के दौरान 242 शिकायतें निर्धारित प्रारूप में थीं। इनमें से 191 का निपटारा कर दिया गया।संस
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