देश के बाहर अब जंजीबार में IIT कैंपस, जानें क्यों इस खास जगह का हुआ सलेक्शन
IIT Campus in Zanzibar: देश के बाहर तंजानिया के जंजीबार में आईआईटी का कैंपस स्थापित किया जाएगा।
आईआईटी मद्रास को कैंपस स्थापित करने की जिम्मेदारी
IIT Campus in Zanzibar: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी, भारक के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक है। दुनिया के बड़े बड़े मुल्क आईआईटी में पढ़ाई के स्तर को सर्वोत्तम मानते हैं, उस क्रम में तंजानिया के जंजीबार में आईआईटी के कैंपस को स्थापित करने का फैसला किया गया है। इसे भारतीय एजुकेशन सिस्टम का अंतरराष्ट्रीयकरण माना जा रहा है। इसके साथ ही इसे नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के उद्देश्यों का भी जिक्र है। यहां पर सवाल यह है कि आखिर जंजीबार का ही चयन क्यों किया गया। इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि किस आईआईटी को यह जिम्मेदारी मिली है। तंजानिया के जंजीबार में बनने वाले आईआईटी कैंपस मद्रास आईआईटी की निगरानी में बनायी जाएगी।जंजीबार पूर्वी अफ्रीका के तट पर एक द्वीपसमूह है जो 1964 में तंजानिका के साथ एकजुट होकर संयुक्त गणराज्य तंजानिया बना। यह तंजानिया का एक अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि आईआईटी परिसर अक्टूबर से कार्यक्रम पेश करना शुरू कर देगा।
दक्षिण-दक्षिण सहयोग के तहत IIT कैंपस
आईआईटी-मद्रास द्वारा प्रवेश के तौरतरीके को तय किया जाएगा और संस्थान द्वारा डिग्री प्रदान की जाएगी। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,आईआईटी-मद्रास अपतटीय परिसर के लिए शैक्षणिक रणनीतियों की योजना बनाने के लिए जिम्मेदार होगा।केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह कदम भारतीय शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में एक शुरुआत है।यह पहल दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ अफ्रीका के साथ लोगों के बीच मजबूत संबंध बनाने की पीएम नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। एनईपी ज्ञान को द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख घटक बनाने के साथ-साथ वैश्विक भलाई को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। 2021 में, सरकार ने विदेशों में कैंपस स्थापित करने के लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए आईआईटी परिषद की स्थायी समिति के अध्यक्ष के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की कि आईआईटी को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
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