अब कमल हासन ने छोड़ा विपक्ष का साथ, कहा- नई संसद के उद्घाटन पर राजनीतिक मतभेद को छोड़ें दल
कमल हासन ने अपने बयान में कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने मतभेदों को कुछ देर के लिए भुलाकर नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के बहिष्कार करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के नए घर में उसके परिवार के सभी सदस्यों के रहने की जरूरत है।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ खड़े थे कमल हसन
- कल होगा नए संसद भवन का उद्घाटन
- पीएम मोदी करेंगे नई संसद का उद्घाटन
- विपक्ष ने राष्ट्रपति को लेकर किया है इस कार्यक्रम का बहिष्कार
कमल हासन (Kamal Haasan), साउथ के बहुत बड़े फिल्मस्टार और मक्कल नीधि मय्यम (MNM) पार्टी के अध्यक्ष, जो पिछले कुछ समय से कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी के करीब दिख रहे थे, उन्होंने भी नई संसद (New Parliament) के मामले पर कांग्रेस (Congress) और विरोध कर रहे विपक्ष का साथ छोड़ दिया है।कमल हासन ने नई संसद के उद्घाटन को लेकर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि बहिष्कार के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए, ये समय राजनीतिक मतभेदों को भूला देने का समय है। इस समय इसे राष्ट्रीय एकता का अवसर बनाने का समय है। हालांकि उन्होंने राष्ट्रपति के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होने पर सवाल भी उठाया है।
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कमल हासन की अपील
कमल हासन ने अपने बयान में कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने मतभेदों को कुछ देर के लिए भुलाकर नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के बहिष्कार करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के नए घर में उसके परिवार के सभी सदस्यों के रहने की जरूरत है। हासन ने कहा कि वह सहभागी लोकतंत्र में विश्वास करते हैं, इसलिए इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले सभी विपक्षी दलों से फैसले पर पुनर्विचार करने का आह्वान करते हैं। हासन ने आग्रह किया- "कार्यक्रम पर आपकी कोई भी असहमति सार्वजनिक मंचों के साथ-साथ संसद के दोनों सदनों में भी उठाई जा सकती है।"
कमल हासन ने पीएम से पूछा सवाल
इस दौरान कमल हासन ने सवाल उठाते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस कार्यक्रम में क्यों नहीं शामिल होना चाहिए। कमल हासन ने कहा- "राष्ट्रीय गौरव का यह क्षण राजनीतिक रूप से विभाजनकारी हो गया है। मैं अपने प्रधानमंत्री से एक सरल प्रश्न पूछता हूं; कृपया देश को बताएं, भारत के राष्ट्रपति को हमारी नई संसद के उद्घाटन में क्यों शामिल नहीं होना चाहिए? मुझे कोई कारण नजर नहीं आता है कि भारत के राष्ट्रपति को देश के प्रमुख के रूप में इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा क्यों नहीं बनना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री को सलाह देता हूं कि वे सद्भावना दिखाएं और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित करें। नया संसद भवन कोई साधारण इमारत नहीं है। यह लंबे समय तक भारतीय लोकतंत्र का घर रहेगा।"
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