MBBS:अब 'मेडिकल' की पढ़ाई हिंदी में कर पायेंगे छात्र, एमबीबीएस हिंदी कोर्स बुक लॉन्च
MBBS Hindi course book: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के लिए हिन्दी में लिखी गई कोर्स की तीन पुस्तकों का विमोचन किया
गृह मंत्री अमित शाह ने इन किताबों का विमोचन किया
मुख्य बातें
- एमबीबीएस की पाठ्यपुस्तकें हिंदी में प्रकाशित हुई हैं
- एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो केमिस्ट्री पाठ्यपुस्तकें हिंदी में भी होंगी
- गृह मंत्री अमित शाह ने इन किताबों का विमोचन किया
MBBS Study In Hindi: गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी में चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत एमबीबीएस प्रथम वर्ष की तीन हिंदी पुस्तकों का विमोचन किया। देश में यह पहली बार है कि एमबीबीएस की पाठ्यपुस्तकें हिंदी में प्रकाशित हुई हैं। शाह ने जिन तीन पुस्तकों का भोपाल में विमोचन किया, उनके नाम एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो केमिस्ट्री हैं। 97 चिकित्सकों के दल ने प्रचलित अंग्रेजी पुस्तकों का हिंदी रूपांतरण किया है।
उनके साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने पुस्तकों का विमोचन किया।
इस अवसर पर शाह ने कहा, 'मुझे गर्व होता है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने देश में सबसे पहले मेडिकल शिक्षा हिंदी भाषा में शुरु कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को पूरा करने का काम किया है।'
उन्होंने कहा, 'आज का दिन भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। आज का दिन स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में पुनर्निर्माण का दिन है।'शाह ने कहा, 'जो लोग मातृभाषा के समर्थक हैं उनके लिए आज का दिन गौरव का दिन है। तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा में हिंदी पाठ्यक्रम की शुरुआत कर भाजपा सरकार ने इतिहास रचा है। सरकार के इस प्रयास ने उन्हें भी जवाब दिया है, जो इस कदम को असंभव बता रहे थे।'
'इस पहल से देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति आएगी'उन्होंने कहा कि मातृभाषा में मध्य प्रदेश सरकार की इस अभिनव पहल के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा सरकार को हार्दिक बधाई। राज्य सरकार की इस पहल से देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति आएगी।
'किसी भी व्यक्ति के सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा में ही होती है'शाह ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा में ही होती है। मातृभाषा में व्यक्ति सोचने, समझने, अनुसंधान, तर्क और काम बेहतर ढ़ंग से किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'मुझे पूर्ण विश्वास है कि भारतीय छात्र जब मातृभाषा में तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा का अध्ययन करेंगे तो भारत विश्व में शिक्षा का बड़ा केन्द्र बनेगा।'
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
रवि वैश्य author
मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनि...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited