सरकार का यहां फैसलाः अब इन लोगों को नौकरियों में मिलेगा पांच फीसदी 'आरक्षण', प्रस्ताव मंजूर

यह लाभ आंदोलनकारी के सिर्फ एक आश्रित को एक बार ही मिलेगा। इसके लिए राज्य पदों और सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम 2001 में संशोधन किया जायेगा। इसके अलावा महिलाओं और दिव्यांगों को भी रिक्तियों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : IANS

झारखंड सरकार ने अलग राज्य के आंदोलनकारियों के आश्रितों को राज्य की सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला लिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया।

झारखंड अलग राज्य के लिए हुए लंबे आंदोलन में भाग लेने वालों की पहचान के लिए सरकार ने पहले से ही आयोग बना रखा है। कैबिनेट ने तय किया है कि आयोग द्वारा चिन्हित किए गए हर आंदोलनकारी के एक आश्रित को राज्य सरकार की तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नियुक्तियों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जायेगा।

यह लाभ आंदोलनकारी के सिर्फ एक आश्रित को एक बार ही मिलेगा। इसके लिए झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम 2001 में संशोधन किया जायेगा। इसके अलावा महिलाओं और दिव्यांगों को भी रिक्तियों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा।

कैबिनेट की बैठक में कुल 23 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी देते हुए बताया गया कि राज्य के बोकारो में 500 बेड के अस्पताल के नये मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल निर्माण की मंजूरी दी गई। इस पर 688 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

गुमला में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के लिए 127 करोड़ की योजना स्वीकृत की गयी। जमशेदपुर में इंडस्ट्रियल टाउनशिप गठित करने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगाई। राज्य में प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 2016 में लाया गया अधिनियम निरस्त कर दिया गया है। जबकि, एक नई प्राइवेट यूनिवर्सिटी शाइन नेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई।

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