तिलमिलाएगा चीन! पैंगोंग लेक-LAC तक जा सकेंगे पर्यटक, इन जगहों का उठा सकेंगे लुत्फ
Pangong Lake : टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि पहले चरण में 18,314 फीट की ऊंचाई वाले मारसिमिक ला से त्सोगतसालो तक पर्यटकों को जाने की इजाजत दी जाएगी। यह स्थान लेह से 160 किलोमीटर पूर्व में और रिमदी चू एवं चांग चेन्मो नदियों के संगम पर स्थित है। यहां हरा भरा मैदान है जो इसकी सुंदरता को कई गुना बढ़ा देता है। खास बात यह है कि यहां से थोड़ी ही दूर पर चीन की सीमा शुरू होती है।
एलएसी के समीप प्रतिबंधित जगहों तक अब जा सकेंगे पर्यटक।
Pangong Lake : वह दिन अब दूर नहीं जब आप लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और पैंगोंग झील (Pangong Lake) तक पर्यटन का लुत्फ उठा पाएंगे। पर्यटक लद्दाख के प्रतिबंधित क्षेत्रों तक फोर व्हील ड्राइव और सुंदर नजारे वाली जगहों की सैर बाइक से करते नजर आएंगे। सरकार पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग लेक (Pangong Lake) के समीप एवं रणनीतिक लिहाज से अहम गश्ती वाले स्थानों तक टूरिस्टों को भेजने की दिशा में काम कर रही है। भारत सरकार के इस कदम से चीन का तिलमिलाना तय है क्योंकि टूरिस्टों के आने से उसका नापाक एजेंडा एवं मंसूबा कमजोर होगा।
इन जगहों पर जा सकेंगे टूरिस्ट
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों का कहना है कि पहले चरण में 18,314 फीट की ऊंचाई वाले मारसिमिक ला से त्सोगतसालो तक पर्यटकों को जाने की इजाजत दी जाएगी। यह स्थान लेह से 160 किलोमीटर पूर्व में और रिमदी चू एवं चांग चेन्मो नदियों के संगम पर स्थित है। यहां हरा भरा मैदान है जो इसकी सुंदरता को कई गुना बढ़ा देता है। खास बात यह है कि यहां से थोड़ी ही दूर पर चीन की सीमा शुरू होती है। रिपोर्ट के अनुसार दूसरे चरण में पर्यटकों को हॉट स्प्रिंग और इसके बाद त्सोगतसालू से आगे उस जगह तक जाने की इजाजत दी जाएगी जहां पर 21 अक्टूबर 1959 को शहीद हुए सीआरपीएफ के 10 जवानों के सम्मान में स्मारक बना है। यहां चीन के हमले में जवान शहीद हुए थे।
जगहों को खोलने के लिए सेना ने भरी हामी
भारतीय सेना एलएसी के आस-पास प्रतिबंधित क्षेत्रों में आम तौर पर टूरिस्टों को आने की इजाजत नहीं देती लेकिन अब वह इसके लिए अपनी हामी भर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक सेना मुख्यालय ने कहा, 'मारसिमिक ला, हॉट स्प्रिंग एवं त्सोगतसालो जैसे स्थानों सहित अन्य ट्रेक एवं जगहों को खोलने पर सहमति बनी है।'
2021 इनर लाइन परमिट व्यवस्था बंद हुई
सरकार बॉर्डर के समीप प्रतिबंधित इलाकों में विकास के लिए पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है। सरकार के इसी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए लद्दाख प्रशासन भी चाहता है कि इन जगहों को पर्यटन के लिए खोला जाए। एलएसी पर अग्रिम मोर्चे के समीप इन जगहों को अब खोलने की तैयारी पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में यह ताजा कदम है। स्थानीय लोग लंबे समय से इन जगहों को पर्यटकों के लिए खोलने की मांग करते आए हैं। स्थानीय लोग इन जगहों पर अपने पशुओं के साथ आते-जाते रहते हैं। बता दें कि अगस्त 2021 में सरकार ने भारतीय नागरिकों के लिए इनर लाइन परमिट व्यवस्था खत्म कर दी लेकिन एलएसी के विवादित स्थानों के समीप के इलाके पर्यटकों की पहुंच से हमेशा दूर रहे।
अप्रैल से खोलने का था विचार लेकिन हुई देरी
इस बार, हालांकि सेना के स्थानीय कमांडरों की दो बैठकों के बाद ही मंजूरी मिल गई। सेना कमांडरों की दिसंबर 2022 में प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक हुई। सूत्रों का कहना है कि प्रशासन चाहता था कि इन इलाकों को अप्रैल महीने से खोल दिया जाए लेकिन स्थानीय स्तर पर हुए कुछ बदलावों की वजह से जगहों को खोलने की प्रक्रिया धीमी पड़ गई।
इसी महीने पर्यटन सचिव ने किया दौरा
अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन गत जनवरी में टॉयलेट, सेल्फी प्वाइंट्स एवं मेडिकल सेंटर को लेकर तैयार हो गया। एक अधिकारी ने बताया कि जिले की फंडिंग के साथ सड़क निर्माण के लिए बीआरओ और पुलिस चेक प्वाइंट्स बनाने के लिए तैयार है। यही नहीं, पर्यटकों को अनुमति देने की संभावना का आंकल करने के लिए इस महीने की शुरुआत में पर्यटन सचिव काचो महबूब अली खान ने गलवान घाटी का दौरा किया। इसके बाद वह हॉट स्प्रिंग एवं अन्य जगहों पर गए।
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