बिहार में 10-20 नहीं बल्कि 215 जातियां हैं, चौंक गए न? अब सबका नाम भी जान लीजिए
बिहार में चुनाव से लेकर हर मौके पर जातियों की बात की जाती रही है। हर पार्टियों के दावे रहे हैं। जाति आधारित जनगणना हो रही है। जिसे लेकर विवाद भी है। इसी क्रम में बिहार में जातियों की संख्या भी सामने आ गई है। जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे।
बिहार में जातियों की संख्या
बिहार (Bihar) में इस समय जाति आधारित जनगणना (Caste Census) चल रही है। जाति आधारित जनगणना का दूसरा चरण शुरू होने वाला है। इसे लेकर राज्य में बीजेपी और महागठबंधन के बीच वार-पलटवार भी जारी है। राजद-जदयू के लिए इसे मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा और भाजपा इस मामले पर बैकफुट पर दिख रही है। इसी जनगणना के दौरान सरकार ने जातियों को लेकर नई लिस्ट भी जारी कर दी है।
कितनी जातियां
बिहार में इस जनगणना से शुरू होने से पहले 200 के करीब जातियों की बात कही जाती थी, लेकिन जब जातिगत जनगणना का पहला चरण शुरू हुआ तो 204 जातियां इसकी सूची में शामिल थी। जिसपर विवाद उठ खड़ा हुआ। कुछ जातियों ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज कराई, अब जब दूसरा चरण शुरू होना है तो सरकार ने इसमें 11 जातियों को और जोड़ दिया है, जिससे अब कुल जातियों की संख्या 215 हो गई है।
नई जातियां जो जुड़ीं
इस लिस्ट में जो नई 11 जातियां जुड़ी हैं उसमें बंगाली, खत्री समेत कई के नाम शामिल हैं। लाइव हिंदुस्तान के अनुसार इसमें बंगाली, खत्री, धरामी, सुतिहर, नवेसूद, भूमिज, माड़वाडी, बहेलिया, रस्तोगी और केवानी दर्जी (हिंदू) शामिल हैं।
बिहार में जातियां
बिहार में सरकारी लिस्ट के अनुसार 10 जनरल कास्ट, अनुसूचित जनजाति में 29, अनुसूचित जाति में 22, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 113 और अन्य पिछड़ा वर्ग 33 जातियां हैं। इसमें कुछ उपजातियां भी हैं।
जातियों के नाम
भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण, लाला, मल्लाह, यादव, कसाब (कसाई),अगरिया, ईसाई धर्मावलंबी (अन्य पिछड़ी जाति), अघोरी, खोंड, अदरखी, ठकुराई (मुस्लिम), अवदल, अमात, जागा, अवध बनिया, डोम, असुर, पटवा, पमरिया, नट, इदरिसी या दर्जी (मुस्लिम),परथा, खरवार, मुडी कोरा, नाई, पठान(खान), ईसाई धर्मावलंबी (हरिजन), उरांव, कुर्मी, कपरिया, खडिया, लोहार, घांसी, करमाली, चूड़ीहार (मुस्लिम), दुसाध, गोस्वामी (संन्यासी, कलंदर, कुशवाहा (कोईरी), कोरकू, कवार, खरिया, कागजी, गोंड, कानू, चंद्रवंशी (कहार, कमकर), कादर, चौपाल, कायस्थ, किन्नर(थर्ड जेंडर), किसान (नागेसिया), खतौरी, कल्हैया, गोराइत, केवट, चेरो, देवहार, केवर्त, नागर, कोछ, बठुडी, कोरा, दोनवार, कोरवा, खटवा, खेलटा, ढेलकी खड़िया, तुरी, धुनिया (मुस्लिम), रविदास, गंगई (गणेश), चीक बराइक, डफाली (मुस्लिम), टिकुलहार , जट (हिंदू) कोल, गंगोता, कोस्ता,कौरियार, चनउ, तेली, कंजर, खटिक, दांगी, नट (मुस्लिम), मोची, परहया, खड़िया, हिल, खंगर, गंधर्व, गद्दी, जदुपतिया, गुलगु गुलिगु या, गोड़ी (छावी), चीक (मुस्लिम), हरि (मेहतर, भंगी) हलालखोर, हो, बंगाली, दर्जी (हिंदू उप नाम श्रीवास्तव, लाल) खत्री, धरामी, सूतिहर,थारू, ढेकारू, रविदास, अतिथ गोसाई), बक्खो(मुस्लिम), घटवार, धोबी (मुस्लिम) चपोता, जोगी, चर्मकार, तियर, चांय, दुसाध, छीपी, धोबी, जट (मुस्लिम), तमरिया तिली, तुरहा , नवेसूद, भूमिज, माड़वाड़ी, पिनगनिया, दवगर, पासी, धनवार, धानुक, नालबंद (मुस्लिम), धामिन, नागशुद्र, धीमर, नोनिया , बारी, पहिया, बिरहोर, प्रजापति (कुम्हार), बेदिया, प्रधान, भुइया , पान, पांडी, पाल (गडेरी), पैरधा, बढई, बनजारा, भठियारा (मुस्लिम) बनिया, मलिक (मुस्लिम), बरई (चौरसिया), मारकंडे, बागदी, बिंझिया, मिरियासीन (मुस्लिम), बिंद, बेगा, बेलदार, बौरी, मदारी (मुस्लिम), भाट,(हिंदू) भाट (मुस्लिम), मझवार, भार, भास्कर, भोगता, मडरिया (मुस्लिम), गोरशिकार (मुस्लिम), मदार, माली (मालाकार), मलार, मुकेरी (मुस्लिम), पहरिया, माहली, रंगरेज, मांगर, लोहारा, मूंडा, सुकियार, संतराश मुसहर, रस्तोगी, मेहतर, मोमिन (मुस्लिम) गारियारी, मौलिक, यादव, रजवार, राईन या कुंजरा (मुस्लिम), राजधोबी, राजभर, सुरजापुरी केवानी, राजबंशी, सिंदुरिया, रौतिया, साई, रंगवा, लहेड़ी, शेरशाहबादी (मुस्लिम), लालबेगी, रौकलगर, वनपर, शिवहरी, संथाल, शेख, सौटा, सामरी वैश्य, सोरिया पहाडिया, सावर, मुस्लिम,सूत्राधार, हलुवाई, सैंथवार, सैयद, गोलवारा, सोनार, बहेलिया, सोयर।
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शिशुपाल कुमार author
पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र...और देखें
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