बिहार में सरकारी नौकरियों में पिछड़ों को मिलेगा अब 43% आरक्षण, जानें SC, ST का कितना बढ़ा कोटा

Bihar Reservation News : बिहार में इस बढ़े हुए आरक्षण का सर्वाधिक लाभ पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग को मिलेगा। अनुसूचित जाति का कोटा भी बढ़ाकर 16% से 20 प्रतिशत कर दिया गया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ओबीसी महिलाओं को पहले से मिल रहा तीन प्रतिशत का कोटा अब पिछड़ा वर्ग-अति पिछड़ा वर्ग से ही दिया जाएगा।

Bihar Reservation

बिहार में आरक्षण का कोटा बढ़ा।

Bihar Reservation : बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए नीतीश सरकार ने गुरुवार को आरक्षण संशोधन बिल -2023 पारित कर दिया। खास बात यह है कि इस संशोधन विधेयक का समर्थन भाजपा सहित सभी दलों ने किया। विधानसभा से इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद उसे मंजूरी के लिए अब विधान परिषद में भेजा जाएगा। यहां से पारित होने और राज्यपाल का हस्ताक्षर होने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। संशोधन विधेयक में आरक्षण का दायर 60 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया गया है।

EWS कोटे में बदलाव नहीं

इस बढ़े हुए आरक्षण का सर्वाधिक लाभ पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग को मिलेगा। अनुसूचित जाति का कोटा भी बढ़ाकर 16% से 20 प्रतिशत कर दिया गया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ओबीसी महिलाओं को पहले से मिल रहा तीन प्रतिशत का कोटा अब पिछड़ा वर्ग-अति पिछड़ा वर्ग से ही दिया जाएगा। ईडब्ल्यूएस कोटे में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसे पहले की तरह 10 प्रतिशत रखा गया है।

कोटा अबपहलेआबादी
पिछड़ा+अति पिछड़ा 43%30% 63.13%
एससी 20% 16% 19.65%
एसटी 2% 1% 1.68%
ईडब्ल्यूएस 10%10%------
कुल75% 57%+3% (ओबीसी महिलाएं)
एसटी के लिए आरक्षण दोगुना

विधेयक के अनुसार, एसटी के लिए मौजूदा आरक्षण दोगुना किया गया है जबकि एससी का कोटा 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी हुआ है। वहीं, ईबीसी के लिए आरक्षण 18 फीसदी से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तो ओबीसी के लिए आरक्षण को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘अब आरक्षण 75 प्रतिशत होगा जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत शामिल है जिसे केंद्र ने कुछ साल पहले लागू किया था और हमने भी इसे राज्य में लागू किया है।’ उन्होंने कहा, ‘बिहार में आरक्षण में वृद्धि जाति सर्वेक्षण का निष्कर्प आने के बाद किया गया है, जो इस सदन में प्रतिनिधित्व करने वाले सभी नौ दलों के बीच आम सहमति बनने के बाद कराया गया था।’

नीतीश ने 2024 के लिए सेट किया एजेंडा

बिहार की राजनीति पर करीबी नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए नीतीश कुमार ने अपना एजेंडा तय कर दिया है। वह इसी वर्ग को फोकस कर अपनी राजनीति को आगे बढ़ाएंगे। जाहिर है कि बिहार के बाद अन्य राज्यों की सरकारों पर अपने यहां आरक्षण का कोटा बढ़ाने का दबाव बन गया है। राज्यों पर जातिवार जनगणना कराने का दबाव पहले से है अब कोटे का दायरा बढ़ाए जाने पर नए सिरे से राजनीति शुरू हो सकती है।

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