ओडिशा: आर्मी अफसर, मंगेतर उत्पीड़न केस ने पकड़ा तूल, सीएम माझी ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
मुख्यमंत्री द्वारा डिप्टी सीएम केवी सिंह देव और पार्वती परिदा, राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी, कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मामले पर चर्चा के बाद न्यायिक जांच का आदेश जारी किया गया।
ओडिशा आर्मी अफसर मामले में जांच (file photo)
Odisha Assault Case: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन में एक सेना अधिकारी और उसकी मंगेतर के यौन और शारीरिक उत्पीड़न मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। 14 सितंबर को आर्मी अफसर और उनकी मंगेतर से भुवनेश्वर में घर लौटते समय बदमाशों ने दुर्व्यवहार किया था जिसकी शिकायत दर्ज कराने दोनों थाने पहुंचे थे, लेकिन यहां पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की और शारीरिक उत्पीड़न किया। मामला तूल पकड़ने के बाद सरकार ने पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और अब न्यायिक जांच के भी आदेश दिए हैं।
60 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का अनुरोध
ओडिशा मुख्यमंत्री कार्यालय के हैंडल से एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया, यह जांच न्यायाधीश न्यायमूर्ति चित्तरंजन दास द्वारा की जाएगी। माननीय आयोग से 60 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का अनुरोध किया गया है। अदालत से अपनी सीधी निगरानी में मामले की आपराधिक जांच में तेजी लाने का भी अनुरोध किया गया है। मुख्यमंत्री ने कानून पर सबसे ज्यादा जोर दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार भारतीय सेना के प्रति भी सम्मान रखती है। राज्य सरकार महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और अधिकारों को लेकर पूरी तरह चिंतित है।
मुख्यमंत्री द्वारा डिप्टी सीएम केवी सिंह देव और पार्वती परिदा, राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी, कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मामले पर चर्चा के बाद न्यायिक जांच का आदेश जारी किया गया। इस बीच, संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ सेना अधिकारी और उनकी मंगेतर पर हमला करने के आरोप में मामला भी दर्ज किया गया है। साथ ही दोनों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोपी युवकों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है, उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया।
14-15 सितंबर की रात क्या-क्या हुआ
14 सितंबर को दोनों घर लौट रहे थे तभी अचानक कुछ गुंडों के एक समूह ने उनका पीछा किया। अपनी सुरक्षा के डर से वे निकटतम पुलिस स्टेशन की ओर भागे। 15 सितंबर की रात करीब 1 बजे दोनों शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे। लेकिन पुलिसकर्मियों ने इन पर बेरहमी से हमला किया। महिला ने आरोप लगाया कि उसके कपड़े उतारे गए, यौन उत्पीड़न किया गया और शारीरिक यातनाएं दी गईं। उसके पैर दुपट्टे से हाथ जैकेट से बांध दिए गए। उसके बाद एक पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा छेड़छाड़ करने से पहले उसे बालों से पकड़कर गलियारे में घसीटा गया।
महिला का यौन-शारीरिक उत्पीड़न
खुद को बचाने की हताश कोशिश में महिला ने कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी के हाथ में काट लिया। इस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया और जमकर प्रताडि़त किया गया। महिला से न सिर्फ मारपीट हुई बल्कि उसका यौन उत्पीड़न भी किया गया। इस बीच, सेना अधिकारी को लॉकअप में डाल दिया गया, ताकि वह अपनी मंगेतर की मदद न कर सके। सोशल मीडिया और सार्वजनिक रूप से भारी आक्रोश के बाद सेना अधिकारी द्वारा औपचारिक शिकायत दर्ज करने के बाद 20 सितंबर को पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ आधिकारिक तौर पर प्राथमिकी दर्ज कर निलंबित कर दिया गया।
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अमित कुमार मंडल author
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