Odisha Train Accident: जिस हादसे में मारे गए 288 लोग, उन ट्रेनों के लोको पायलट और गार्ड का क्या हुआ? सामने आई अहम जानकारी
Coromandel Express Derailed: रेलवे अधिकारियों ने बताया है कि हादसे में शामिल मालगाड़ी के इंजन चालक और गार्ड इस भीषण रेल हादसे में बाल-बाल बच गए। उन्होंने बताया कि हादसे का शिकार हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड घायल हो गए।
Coromandel Express Derailed: ओडिशा के बालासोर (Balasore Train Accident) में हुआ रेल हादसा (Train Derailed) इस सदी के सबसे बड़े रेल हादसों में से एक है। इस भीषण दुर्घटना में 288 लोगों की मौत हो गई औरऔर 747 घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। रेल हादसे की तस्वीरें काफी दर्दनाक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार को खुद दुर्घटना वाली जगह का दौरा किया और मृतकों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि का ऐलान किया। उन्होंने कहा है कि हादसे के दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और जो भी दोषी होगा, उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।
अब इस हादसे को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि जो ट्रेनें आपस में टकराई थीं, उसके लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड गंभीर रूप से घायल हैं, और उनका इलाज चल रहा है।
बाल-बाल बच गए मालगाड़ी के गार्ड और चालक
रेलवे अधिकारियों ने बताया है कि हादसे में शामिल मालगाड़ी के इंजन चालक और गार्ड इस भीषण रेल हादसे में बाल-बाल बच गए। उन्होंने बताया कि हादसे का शिकार हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड घायल हो गए। वहीं दूसरे ट्रेन बेंगलुरू- हावड़ा एक्सप्रेस का गार्ड भी घायलों में शामिल है। सभी का इलाज कराया जा रहा है।
तीन ट्रेनों की हुई थी टक्कर
बता दें, ओडिश के बालासोर में शाम लगभग सात बजे यह रेल हादसा हुआ था। हादसे वाले दिन कोरोमंडल एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे उसके 17 डिब्बे पटरी से उतर गए। कुछ डिब्बे दूसरी लाइन पर गिर गए, जिससे दूसरी तरफ से आ रही बेंगलुरू- हावड़ा एक्सप्रेस उससे टकरा गई और उसके भी कुछ डिब्बे पटरी से उतर गए। यह रेल हादसा इतना भीषण था कि करीब 90 ट्रेनें प्रभावित हुईं। कुछ ट्रेनों को रद्द किया गया तो कई का रूट डायवर्ट करना पड़ा।
ट्रैक बहाली का काम जारी
रेल हादसे के बाद शनिवार को रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा कर लिया गया था। रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय प्रशासन के आलवा एनडीआरएफ और सेना की भी मदद ली गई थी। रेल मंत्रालय के मुताबिक, ट्रैक बहाली के काम में 1000 से ज्यादा कर्मचारियों को लगाया गया है। इसके अलावा 7 से अधिक पोकलेन मशीन, 2 एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन, 3 से 4 रेलवे एंड रोड क्रेनों को तैनात किया गया है।
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