ओडिशा में भी शुरू हुई नाम बदलने की सियासत, BJP सरकार ने बदला 'बीजू पटनायक खेल सम्मान' का नाम

Odisha News: ओडिशा की नवनिर्वाचित भाजपा सरकार ने बीजू पटनायक खेल पुरस्कार का नाम बदलकर ओडिशा राज्य क्रीड़ा सम्मान कर दिया है। सरकार की योजना एलएएसीएमआई (लोकेशन एक्सेसिबल मल्टी-मॉडल इनिशिएटिव) ग्रामीण बस सेवा, मो बस सिटी सर्विस और आहार (पांच रुपये प्रति भोजन योजना) समेत कई लोकप्रिय योजनाओं के नाम बदलने की है।

ओडिशा सरकार ने बीजू पटनायक खेल पुरस्कार का बदला नाम।

Odisha News: ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद यहां पर भी योजनाओं के नाम बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। सूबे की भाजपा सरकार ने बीजू पटनायक खेल पुरस्कार का नाम बदलकर ओडिशा राज्य क्रीड़ा सम्मान कर दिया है। ओडिशा खेल एवं युवा सेवा विभाग ने इस बाबत दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। यह सम्मान प्रतिवर्ष आठ श्रेणियों में दिया जाएगा और यह सम्मान उपयुक्त उम्मीदवारों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। नकद पुरस्कार राशि में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
दिशा-निर्देशों के अनुसार, खेलों को बढ़ावा देने के लिए आजीवन उपलब्धि पुरस्कार के रूप में तीन लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा, जबकि खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दो लाख रुपये और ‘कोचिंग’ में उत्कृष्टता के लिए एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इसी तरह, खेल को बढ़ावा देने में सर्वश्रेष्ठ योगदान, खेल पत्रकारिता में उत्कृष्टता, वर्ष का सर्वश्रेष्ठ पैरा-खिलाड़ी, वर्ष का सर्वश्रेष्ठ उभरता हुआ एथलीट (जूनियर श्रेणी) और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ खेल तकनीकी अधिकारी या सहायक कर्मचारी प्रत्येक में एक लाख रुपये नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

ये हैं राज्य क्रीड़ा सम्मान के नियम

नियमों के अनुसार पुरस्कार प्राप्तकर्ता ओडिशा का निवासी होना चाहिए और उस पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए। यह पुरस्कार प्रत्येक श्रेणी में जीवनकाल में केवल एक बार दिया जाएगा और इसे मरणोपरांत निकटतम संबंधी को दिया जा सकता है। खेल एवं युवा सेवाएं विभाग के सचिव एक पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन करेंगे, जिसमें विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और प्रशिक्षक शामिल होंगे तथा खेल निदेशक या विभाग के वरिष्ठतम अधिकारी इस समिति के अध्यक्ष होंगे। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर एक विशेष समारोह में प्रदान किए जाएंगे।
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