Odisha Train Accident Report: पहली बार जारी हुई बालासोर ट्रेन हादसे की रिपोर्ट, दुर्घटना की वजहों का हुआ खुलासा, 293 लोगों की हुई थी मौत

Odisha Train Accident Report: ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रिपल ट्रेन हादसा दो दशकों में सबसे बड़ी रेल दुर्घटना थी। यह हादसा क्यों हुआ पहली बार रिपोर्ट जारी की गई।

ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे पर आई रिपोर्ट (तस्वीर-PTI)

Odisha Train Accident Report: जून में ओडिशा के बालासोर में सिग्नल में खामियों की वजह से भीषण ट्रिपल ट्रेन हादसा हुआ। रेल मंत्रालय ने पहली बार रेलवे सुरक्षा कमिश्नर की रिपोर्ट के निष्कर्ष जारी करते हुए कारणों का डिटेल देते हुए कहा है। इस भीषण ट्रेन हादसे में 293 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 1000 से अधिक घायल हुए। पिछले दो दशकों में बालासोर ट्रेन दुर्घटना भारत में सबसे बड़े रेल दुर्घटनाओं में से एक थी। राज्यसभा में सांसद डॉ जॉन ब्रिटास द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में सामने आई रिपोर्ट में नॉर्थ सिग्नल गुमटी स्टेशन पर सिग्नलिंग सर्किट परिवर्तन और इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के रिप्लेसमेंट के लिए सिग्नलिंग कार्य के निष्पादन के दौरान खामियों की ओर इशारा किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि पिछली टक्कर अतीत में नॉर्थ सिग्नल गूमटी (स्टेशन के) पर किए गए सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन में खामियों के कारण हुई थी और स्टेशन पर गेट नंबर 94 को पार करते हुए लेवल के लिए इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के रिप्लेसमेंट से संबंधित सिग्नलिंग कार्य के निष्पादन के दौरान हुई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इन त्रुटियों के परिणामस्वरूप गलत लाइन के लिए ग्रीन सिग्नल दिखाया गया। जिससे ट्रेन रूकी हुई मालगाड़ी से टकरा गई। मंत्री ने कहा कि ये मुद्दे रेलवे अधिकारियों की ओर से घोर चूक और लापरवाही को दर्शाते हैं। सरकार ने यह भी बताया कि दुर्घटना में घायल हुए 41 यात्रियों की अभी भी पहचान नहीं हो पाई है।
सांसद डॉ जॉन ब्रिटास के अनुरोध के बावजूद सरकार ने पिछले तीन वर्षों में इसी तरह की सिग्नल विफलताओं पर डिटेल नहीं दिया, केवल यह कहा कि विफलताएं हुई थीं, लेकिन ऐसी कोई विफलता नहीं थी जिसके कारण बालासोर जैसी गंभीर घटना हुई हो। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दुर्घटना के संबंध में भारतीय रेलवे के तीन कर्मचारियों, अरुण कुमार महंत, मोहम्मद अमीर खान और पप्पू कुमार को गिरफ्तार किया था। उन पर गैर इरादतन हत्या और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया। सीबीआई की रिमांड अवधि 15 जुलाई को समाप्त होने के बाद आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। अगली सुनवाई 27 जुलाई को तय की गई है।
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