Odisha Train Accident: मिलिए उन 'देवदूतों से जिन्होंने समय रहते बचा ली सैकड़ों की जान
Odisha Train Accident: ओडिशा में जब ट्रेन हादसा हुआ तब स्थानीय लोग राहत कार्यों में सबसे पहले जुटे थे। बचाव कर्मी के आने से पहले तक और उनके आने के बाद तक इन देवदूतों ने दर्जनों लोगों की जान बचाई है।
Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे में मरने वालें का आंकड़ा 280 के पार हो चुका है जबकि करीब 900 लोग घायल हैं। कई ऐसे लोग भी थे जो देवदूत बनकर सामने आए और उन्होंने वक्त रहते लोगों की जान बचाई, मिलिए ऐसे ही देवदूतों से।
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सबसे पहले पहुंचे थे ये देवदूत
ओडिशा में जब ट्रेन हादसा हुआ तब स्थानीय लोग राहत कार्यों में सबसे पहले जुटे थे। बचाव कर्मी के आने से पहले तक और उनके आने के बाद तक इन देवदूतों ने दर्जनों लोगों की जान बचाई है। रणजीत गिरि, बिप्रदा बाग, आशा बेहरा और अशोक बेरा घायलों को बचाने के लिए सबसे पहले पहुंचने वाले लोगों में से हैं। ये सभी बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन इलाके के निवासी हैं, जहां हादसा हुआ।
क्या कहा रणजीत गिरि ने
गिरि ने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा- "मैं शाम करीब सात बजे अपने मित्रों के साथ पास ही चाय की एक दुकान पर था। मैंने अचानक जोरदार आवाज और उसके बाद लोगों के चीखने की आवाज सुनी। हम घटनास्थल की ओर दौड़े और हमने जो देखा, उसे देखकर हमारे रौंगटे खड़े हो गए। समय बर्बाद किए बिना हम घायलों को बचाने में जुट गए। हमने पुलिस एवं रेलवे अधिकारियों को भी हादसे की जानकारी दी।"
और मदद न कर पाने का दुख
वहीं एक अन्य देवदूत बिप्रदा बाग ने कहा कि उन्होंने कम से कम 50 घायलों को बचाया और यात्रियों को अपने वाहनों से स्थानीय अस्पतालों में पहुंचाया। हादसे में जीवित बचे कुछ लोग अपने प्रियजनों को ढूंढ़ रहे थे, लेकिन बहुत अंधेरा होने के कारण हम उनकी मदद नहीं कर सके।
ब्लड डोनेट करने के लिए उमड़ी भीड़
दुर्घटना स्थल पर तो लोगों को बचाने के लिए देवदूत पहुंचे ही, अस्पताल में भी लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। अस्पताल में ब्लड डोनेटे करने वालों की लंबी लाइनें लगी हैं। ताकि किसी भी घायल की मौत, खून की कमी से ने हो।
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