कभी नदी में गिरी तो कभी चक्रवात में बह गई थी ट्रेन...ये हैं Odisha Train Tragedy से पहले हुए हिंदुस्तान के भयावह रेल हादसे

Odisha Train Accident Row: दरअसल, ओडिशा में शुक्रवार (दो जून, 2023) को हुए भीषण रेल हादसे में कम से कम 288 मौतें (चार जून, 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार) हो गई, जबकि इस हादसे में 1100 से लोग घायल हुए। डेटा बताता है कि यह हादसा आजादी के बाद हुई सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक है।

Odisha Train Accident Row: ओडिशा में हुई रेल त्रासदी को भले ही आजाद हिंदुस्तान के बाद की सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक बताया जा रहा है, मगर इससे पहले कई ट्रेन एक्सिडेंट्स हुए, जिन्होंने देश को हिलाकर रख दिया था। ऐसे हादसों में कभी नदी में ट्रेन गिर गई थी, जबकि कभी वह चक्रवात में बह गई थी। आइए, जानते हैं कुछ ऐसी ही भयावह रेल हादसों के बारे में:
126 मौतेंः यह घटना साल 1964 की है। 23 दिसंबर को पंबन-धनुस्कोटी पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम चक्रवात में बह गई थी। गाड़ी में तब सवार 126 से अधिक मुसाफिरों की जान चली गई थी।
140 मौतेंः किस्सा 2002 का है। तारीख नौ सितंबर थी और तब हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस बिहार के रफीगंज में धावे नदी पर एक पुल के ऊपर पटरी से उतर गई थी, जिसके बाद उसमें सवार 140 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई थी।
148 मौतेंः बात 28 मई 2010 की है। महाराष्ट्र के मुंबई जा रही तब जनेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन पश्चिम बंगाल में झारग्राम के पास बेपटरी हो गई थी, जिसके बाद इसकी एक मालगाड़ी से भिड़ंत हो गई थी और हादसे में 148 यात्रियों की मौत हो गई थी।
152 मौतें: यह दुर्घटना 2016 में हुई थी। यूपी के कानपुर से लगभग 60 किमी दूर पुखरायां में 20 नवंबर को इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे बेपटरी हो गए थे और तब 152 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि 260 लोग घायल हुए थे।
212 मौतें: पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस, फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल बेपटरी हो तीन डिब्बों से टकरा गई थी, जिसके बाद 212 यात्रियों की मौत हो गई थी। यह पूरा मामला 26 नवंबर 1998 का था।
285 मौतें: दो अगस्त 1999 को ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई थी। दुर्घटना में 285 से अधिक यात्री मारे गए थे, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।
305 मौतें: 20 अगस्त 1995 को यूपी में पुरुषोत्तम एक्सप्रेस फिरोजाबाद के पास खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई थी और इस हादसे में लगभग 305 यात्री मारे गए थे।
750 मौतें: हिंदुस्तान के इतिहास में यह वह हादसा है, जिसमें सर्वाधिक जानें गई थीं। घटना छह जून 1981 की है। बिहार में देश की सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटना हुई थी। दरअसल, तब एक ट्रेन पुल पार करते समय बागमती नदी में गिर गई थी, जिससे उसमें सवार 750 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई थी।

ओडिशा की हालिया घटना में क्या हुआ?

दरअसल, ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम लगभग सात बजे शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ था। दुर्घटना में 21 डिब्बे पटरी से उतर गए थे और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे सैकड़ों यात्री फंस गए। दोनों यात्री रेलगाड़ियां तीव्र गति से चल रही थीं और एक्सपर्ट्स ने इसे हताहतों की अधिक संख्या के मुख्य कारणों में से एक बताया। हादसे के बाद दुर्घटनास्थल ऐसा लग रहा था, जैसे एक शक्तिशाली बवंडर ने रेलगाड़ी के डिब्बों को खिलौनों की तरह एक दूसरे के ऊपर फेंक दिया हो।
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अभिषेक गुप्ता author

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