फारूक अब्दुल्ला के NDA में शामिल होने को बेटे उमर ने किया खारिज, जानें क्या कहा
Farooq Abdullah News: उमर अब्दुल्ला ने उन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें ये कहा जा रहा था कि फारूक अब्दुल्ला और उनकी पार्टी एनडीए में शामिल हो सकती है। फारूक के बेटे और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के भाजपा नीत राजग में शामिल होने की कोई संभावना नहीं।
क्या एनडीए में शामिल होगी फारूक अब्दुल्ला की पार्टी?
Jammu-Kashmir Politics: नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी के भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने की कोई संभावना नहीं है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को जब भी लगता है कि नेकां मजबूत हो रही है तो वे पार्टी को कमजोर करने का प्रयास करने लगते हैं। उन्होंने कहा, 'साजिशें रची जाती हैं और बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है।'
NDA में शामिल होने पर क्या बोले उमर अब्दुल्ला
पार्टी उपाध्यक्ष उमर ने कहा, 'मैं यह स्पष्ट कर दूं कि राजग के लिए कोई रास्ता नहीं है। हम उनके दरवाजे पर दस्तक नहीं देंगे और हमारे उनसे हाथ मिलाने की कोई संभावना नहीं है।' वह एक निजी चैनल की खबर पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें दावा किया गया था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के राजग में शामिल होने की संभावना का संकेत दिया है।
जम्मू-कश्मीर राज्य में हैं छह लोकसभा सीट
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के साथ सीट बंटवारे और आगामी संसदीय चुनाव अकेले लड़ने संबंधी उनके पिता (फारूक अब्दुल्ला) के बयान का दूसरा अर्थ निकाला गया। उन्होंने कहा, 'पार्टी अध्यक्ष ने एक बैठक से बाहर आते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना व्यक्त की कि नेकां को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए। सीट बंटवारे पर हमारा रुख पहले दिन से ही स्पष्ट रहा है। तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य में छह लोकसभा सीट हैं। तीन हमारे और तीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास हैं। हम उन तीन सीट पर कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं जो अभी भाजपा के पास हैं।'
उन्होंने कश्मीर घाटी में सीट बंटवारे पर किसी भी चर्चा से इनकार कर दिया क्योंकि ये सीट पहले से ही नेकां के पास हैं। उन्होंने कहा, 'अगर ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन का उद्देश्य भाजपा को रोकना है, तो उन सीट की मांग क्यों की जाए जो पहले से ही ‘इंडिया’ गठबंधन के पास हैं। यदि आपका लक्ष्य अपनी पार्टी (कांग्रेस) को मजबूत करना है, तो आप गलत उद्देश्य से गठबंधन में आए हैं।'
(भाषा)
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