राज्यसभा भेजे जाने के फैसले पर उपेंद्र कुशवाहा गदगद, PM मोदी-नीतीश का जताया आभार, राहुल पर भी बोले

Upendra Kushwaha : राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को कहा कि एनडीए ने गठबंधन ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया है। इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए के सभी वरिष्ठ नेताओं को धन्यवाद देते हैं।

काराकाट से लोकसभा चुनाव हार गए हैं उपेंद्र कुशवाहा।

मुख्य बातें
  • राज्यसभा भेजे जाएंंगे राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा
  • एनडीए ने बनाया बिहार से उम्मीदवार, बड़े नेताओं में गिने जाते हैं
  • उम्मीदवार बनाए जाने पर पीएम मोदी, नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया

Upendra Kushwaha : राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजा जाएगा। उन्हें बिहार से एनडीए का उम्मीदवार बनाया गया है। उम्मीदवार बनाए जाने पर कुशवाहा ने प्रतिक्रिया देते हुए मंगलवार को कहा कि एनडीए ने गठबंधन ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया है। इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए के सभी वरिष्ठ नेताओं को धन्यवाद देते हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के संबोधन पर आरएलएम के मुखिया ने कहा कि कांग्रसे नेता के बयान का कोई मतलब नहीं है। बता दें कि कुशवाहा बिहार की काराकाट सीट से एनडीए उम्मीदवार थे लेकिन वह चुनाव हार गए।

एनडीए के नेताओं का जताया आभार

X पर अपने पोस्ट में कुशवाहा ने कहा, 'राज्यसभा की सदस्यता के लिए एनडीए की ओर से मेरी उम्मीदवारी की घोषणा के लिए बिहार की आम जनता एवं राष्ट्रीय लोक मोर्चा सहित एनडीए के सभी घटक दलों के कर्मठ कार्यकर्ताओं, जिन्होंने विपरीत परिस्थिति में भी मेरे प्रति अपना स्नेह बनाए रखा, भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, अमित शाह जी, जेपी नड्डा साहब, चिराग पासवान जी, जीतन राम मांझी जी, सम्राट चौधरी सहित एनडीए के अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं का ह्रदय से आभार।'

काराकाट सीट पर तीसरे स्थान पर रहे

काराकाट सीट पर कुशवाहा एनडीए की तरफ से आरएलएम के टिकट पर चुनाव लड़े थे। इस सीट पर सीपीआई माले के उम्मीदवार राजाराम सिंह विजयी हुए। राजाराम ने निर्दलीय उम्मीदवार एवं भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के गायक पवन सिंह को हराया। कुशवाहा तीसरे स्थान पर रहे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस सीट पर यदि पवन सिंह ने निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ा होता तो कुशवाहा चुनाव जीत सकते थे।

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