CAA पर स्टालिन, विजयन, उद्धव सभी को शाह का जवाब, बोले-नागरिकता पर कानून केवल संसद ही बना सकती है

Amit Shah interview on CAA: सीएए के पक्ष में अपनी बात रखते हुए शाह ने कहा, 'सीएए कानून की जरूरत को आप अलग करके नहीं देख सकते। 15 अगस्त 1947 को अपना देश तीन हिस्सों में विभाजित हो गया। भारतीय जन संघ और भाजपा विभाजन के खिलाफ थे।

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शाह ने कहा-सीएए पर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा विपक्ष।

Amit Shah interview on CAA: नागरिकता संशोधन कानून (2019) के लागू हो जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के हमलों का जवाब दिया है और उनके रुख पर सवाल खड़े किए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक के विपक्षी नेताओं को निशाने पर लेते हुए शाह ने साफ तौर से कहा कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष 'झूठ की राजनीति' कर रहा है। शाह ने कहा कि अब तक कम से कम 41 अलग-अलग मंचों से वह सीएए के बारे में बोल चुके हैं और हर बार बताया है कि इस देश के अल्पसंख्यकों को इस कानून से डरने की जरूरत नहीं है। इस कानून में किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है। शाह ने सीएए पर विपक्ष के रुख की कड़ी आलोचना की। उन्होंने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकुर, स्टालिन, विजयन सभी को सीएए पर उनके बयानों के लिए कठघरे में खड़ा किया।

धार्मिक आधार पर देश तीन हिस्सों में विभाजित हो गया- शाह

सीएए के पक्ष में अपनी बात रखते हुए शाह ने कहा, 'सीएए कानून की जरूरत को आप अलग करके नहीं देख सकते। 15 अगस्त 1947 को अपना देश तीन हिस्सों में विभाजित हो गया। भारतीय जन संघ और भाजपा विभाजन के खिलाफ थे। हम कभी नहीं चाहते थे कि देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हो। ऐसे में जब धर्म के आधार पर बंटवारा हो गया। तो वहां धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होने शुरू हो गए। उनका धर्मांतरण हुआ। अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं पर अत्याचार हुए। धार्मिक आधार पर प्रताड़ित ये लोग भारत आए। उन्होंने भारत में शरण ली। क्या उन्हें भारतीय नागरिकता पाने का हक नहीं है?'

CAA अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता-शाह

विपक्ष के इस दावे को कि सीएए कानून 'असंवैधानिक' है, शाह ने कहा कि यह कानून अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता। इस कानून को लेकर स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विभाजन के बाद जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रह गए और धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का शिकार होने पर भारत आने का फैसला किया, यह कानून उनके लिए है।

CAA पर अपना रुख स्पष्ट करें उद्धव

अमित शाह ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सीएए पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती भी दी। उन्होंने कहा, 'मैं उद्धव ठाकरे से कहना चाहता हूं कि वह यह स्पष्ट करें कि सीएए लागू किया जाना चाहिए या नहीं। वह अल्पसंख्यकों का वोट चाहते हैं और तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।'

केवल संसद बना सकती है नागरिकता से जुड़े नियम-कानून

केरल के सीएम पिनरई विजयन और तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को जवाब देते हुए शाह ने कहा कि क्या आपके पास इस कानून को लागू न करने का आधिकार है? इन लोगों को भी पता है कि उनके पास यह अधिकार नहीं है। हमारे संविधान में लोगों की नागरिकता देने से जुड़े अधिकार के बारे में कोई कानून बनाने का अधिकार केवल संसद के पास है। नागरिकता कानून और इसे लागू करना राज्य का नहीं बल्कि केंद्र का विषय है। संविधान का अनुच्छेद 11 नागरिकता के बारे में सारे नियम बनाने का अधिकार संसद को देता है। वे केवल तुष्टिकरण की राजनीति के लिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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