एक तरफ दोस्ताना लड़ाई तो दूसरी तरफ बदलाव की बात, क्या दुविधा में हैं शशि थरूर
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे शशि थरूर ने कहा कि वो बदलाव की बात कर रहे हैं। हालांकि इसके साथ यह भी कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे से साथ उनकी लड़ाई दोस्ताना है।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार हैं शशि थरूर
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को गुप्त मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को आएंगे। अध्यक्ष पद की लड़ाई में शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे चुनावी मैदान में हैं। दोनों नेता अपनी बात रखने के लिए अलग अलग प्रदेशों का दौरा कर रहे हैं। इस बीच शशि थरूर ने कहा कि खड़गे के साथ उनकी लड़ाई दोस्ताना है। हम दोनों चुनाव लड़ रहे हैं, पार्टी में किसी तरह का शत्रुता का भाव नहीं है, खड़गे साहब हमारे सीनियर हैं और उनके साथ कम कर चुका हूं। यह लड़ाई दो सहयोगियों के बीच की है जिसका मकसद पार्टी को मजबूत करना है। लेकिन दूसरी तरफ वो यह भी कह रहे हैं चुनावी लड़ाई में बराबर का मैदान होना चाहिए। ऐसा ना लगे कि मुकाबला एकतरफा है।
बदलाव की कर रहा हूं बात
शशि थरूर अपने पक्ष में अपील करते हुए कांग्रेस डेलीगेट्स से कहा कि क्या आप पार्टी में बदलाव के साथ जाना चाहते हैं या जो कुछ जैसे है उससे संतुष्ट हैं। यदि आपको लगता है कि सब कुछ ठीक है तो उनके पक्ष में वोट ना करें। वो चाहते हैं कि पार्टी में इस तरह का बदलाव हो ताकि आम चुनाव 2014 और 2019 में जो मतदाता पार्टी के साथ नहीं थे वो जुड़े।जनता भाजपा का विकल्प चाहती है। अब कांग्रेस पार्टी से कौन होगा, यह तय करने की जरूरत है। जब मैं भारत जोड़ी यात्रा में था, मैंने देखा है कि वहां 6:30 बजे लोग आते थे। कांग्रेस में जमीनी स्तर पर जुड़ने के लिए यही जरूरी है
अध्यक्ष पद के लिए गुप्त मतदान
हम सभी जानते हैं कि हमारे सिस्टम (कांग्रेस) में कुछ खामियां हैं। पहले हमें जो सूची मिलती थी, उसमें फोन नंबर नहीं होते थे। तो कुछ अंतराल थे। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह जानबूझकर किया जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले इतने सालों में कोई चुनाव नहीं हो रहा था, मैं बूथ और मंडल स्तर पर कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना चाहता हूं। यही मेरा लक्ष्य है। मुझे इसके लिए फीडबैक मिल रहा है। लोग बदलाव चाहते हैं। मुझे खुशी है कि मतपत्र गुप्त हैं। आप यह भी जानते हैं कि कुछ नेताओं ने निर्देश देने का प्रयास किया। लेकिन मिस्त्री जी ने मुझे आश्वासन दिया है कि मतपत्र गुप्त होते हैं, यही मैं इन चुनावों में बराबरी के खेल के बारे में कहने की कोशिश कर रहा था। वरिष्ठ नेताओं को इस पर विचार करना चाहिए। मैं कुछ नहीं कह रहा था मिस्त्री जी। लेकिन मुझे खुशी है कि मतपत्र गुप्त होते हैं।मैं जहां भी जा रहा हूं, मुझे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का समर्थन मिल रहा है। कल मैं गुजरात गया जहां मुझे लगा कि हमें महात्मा गांधी के मार्ग पर चलने की जरूरत है। मैं भी राजीव गांधी की प्रतिमा पर गया।
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