एरिक गार्सेटी को प्यार से समझा देंगे, विदेश मंत्री का हल्का फुल्का अंदाज लेकिन नजरिया साफ

Dr S Jaishankar on Eric Garcetti: भारत में अमेरिका के नियुक्त राजदूत एरिक गार्सेटी को लेकर चर्चा खास है। करीब दो साल बाद अमेरिका भारत में अपना राजदूत भेज रहा है। गार्सेटी की चर्चा इसलिए होती है कि क्योंकि उन्होंने कहा था कि अगर भारत में उन्हें काम करने का मौका मिला तो सीएए के विषय को जरूर उठाएंगे।

DR S Jaishnakar defence deal

डॉ एस जयशंकर,विदेश मंत्री

मुख्य बातें
  • एरिक गार्सेटी, लॉस एंजिल्स के मेयर रहे हैं।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के करीबी।
  • भारत में होंगे अमेरिकी राजदूत।

Dr S Jaishankar on Eric Garcetti: कुछ नाम ऐसे होते हैं जो चर्चा में आ ही जाते हैं। उनमें एरिक गार्सेटी हैं। गार्सेटी को भारत में अमेरिका ने अपना राजदूत नियुक्त किया है। पिछले दो साल से भारत में कोई अमेरिकी राजदूत नहीं था। अब सवाल यह है कि इस नाम की चर्चा क्यों हो रही है। दरअसर गार्सेटी के बारे में कहा जाता है कि वो सीएए कानून खिलाफ के मुखर रहे हैं। जो बाइडेन के करीबियों में से एक गार्सेटी ने अमेरिकी कांग्रेस में इस विषय पर अपनी राय रखी थी और उसका विरोध भी हुआ। रिपब्लिकंस पार्टी से जुड़े नेताओं ने कहा था कि किसी दूसरे देश की वैधानिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने का अर्थ नहीं है। अब जबकि वो भारत आने वाले हैं तो विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने हल्के फुल्के अंदाज में टिप्पणी दी।

सीएए के खिलाफ रहा है गार्सेटी का रुख

एरिक गार्सेटी का नजरिया सीएए के मुद्दे पर अलग रहा है। उन्होंने सीएएस को मुस्लिम समाज के लिए भेदभाव वाला बताया था। इस विषय पर हल्के फुल्के अंदाज में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि आने दीजिए प्यार से समझा देंगे। उन्होंने कहा कि अलग अलग देशों में नागरिकता को लेकर अलग अलग तरह के विधान हैं। मसलन यूरोप को अगर देंखें तो जर्मनी के लोगों को नागरिकता आसानी से मिल जाती है। अगर आप बात पाकिस्तान की करें तो वहां रहने वाले हिंदू जो उत्पीड़न का शिकार रहे हैं वो अगर भारत नहीं आएंगे तो कहां जाएंगे। अगर भारत उनके बारे में नहीं सोचेगा तो दूसरा कौन सोचेगा।

अमेरिकी कांग्रेस में की थी मुखालफत

एरिक गार्सेटी, लॉस एंजिल्स के पूर्व मेयर रहे हैं और जो बाइडेन के काफी करीबी बताए जाते हैं। उनकी चर्चा भारत में तब शुरू हुई जब अमेरिका में भारतीय कानून सीएए की आलोचना की। 2021 में अमेरिकी कांग्रेस में कहा था कि अगर वो भारत में अमेरिका के राजदूत नियुक्त किए जाते हैं तो निश्चित तौर पर वो सीएए और मानवाधिकारों के मुद्दे को प्रमुखता से रखेंगे।

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ललित राय author

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