किसके सिर पर त्रिपुरा का ताज, माणिक साहा के साथ साथ क्या प्रतिमा भौमिक भी दावेदार

माणिक साहा की अगुवाई में बीजेपी ने त्रिपुरा में दोबारा वापसी की है। इन सबके बीच सीएम चेहरे को लेकर प्रतिमा भौमिक के नाम की भी चर्चा तेज है।

प्रतिमा भौमिक

Who is Pratima Bhowmik: त्रिपुरा में 60 में से 33 सीट बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। चुनाव से पहले सीएम बदलने का चेहरा काम आया। बिप्लब देब को लेकर जब नाराजगी की खबरें आम होने लगी थीं बीजेपी आलाकमान ने माणिक साहा को जिम्मेदारी दी। अब सवाल यह है कि क्या माणिक साहा ही सीएम बने रहेंगे या उनकी जगह किसी और को कमान दी जाएगी। बता दें कि अगला सीएम कब शपथ लेंगे तारीख तय नहीं है। लेकिन चेहरे को लेकर मंथन चल रहा ही। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रतिमा भौमिक को मजबूत दावेदार बताया जा रहा है जो केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय मंत्रालय संभाल रही हैं। उन्हें भी माणिक साहा के कद काठी का माना जाता है। यहां बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान यह सवाल पूछा जाता था कि क्या दोबारा सरकार बनने के बाद माणिक साहा ही अगले सीएम होंगे तो जवाब यही होता था कि उसमें संदेह नहीं।ऐसा माना जाता है कि अपनी दावेदारी को पुख्ता करने के लिए माणिक साहा ने अपने दो खास सिपहसालारों को हिमंता बिस्वा सरमा से मिलने के लिए गुवाहाटी भेजा था।

संबंधित खबरें

कौन हैं प्रतिमा भौमिक

प्रतिमा भौमिक को त्रिपुरा बीजेपी का फायरब्रांड नेता कहा जाता है। धनपुर निर्वाचन क्षेत्र जीतकर फिर से इतिहास रचा है, जो 1970 के दशक से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का गढ़ था। भौमिक 1998 और 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में दो बार पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार से हार गए थे। गौरतलब है कि धनपुर का त्रिपुरा के मुख्यमंत्री का चुनाव करने का इतिहास रहा है। माणिक सरकार भी पांच बार इस क्षेत्र से जीतकर विधानसभा का हिस्सा बने थे। माणिक सरकार के 2023 के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के बाद इस तरह की अटकलें थी कि धनपुर में भौमिक की जीत से सीपीएम का पतन होगाऔर यह इलाका मुख्यमंत्री बनाए रखने की परंपरा को जारी रख सकता है। बीजेपी में कुछ लोगों को लगता है कि भौमिक को सीएम बनाने से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पूर्वोत्तर क्षेत्र और देश में सही संदेश जाएगा। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी राज्य में महिला मुख्यमंत्री नियुक्त करने की संभावनाएं तलाश रही है। यदि यह सफल होता है, तो पूर्वोत्तर राज्य के इतिहास में यह पहला उदाहरण होगा कि एक महिला ने मुख्यमंत्री की भूमिका निभाई है।

संबंधित खबरें

प्रतिमा दी के नाम से पापुलर

संबंधित खबरें
End Of Feed