One Nation One Election: एक देश-एक चुनाव के लिए कमेटी का ऐलान, अमित शाह समेत ये 8 सदस्य शामिल

Ek Desh Ek Chunav: एक देश-एक चुनाव की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी का गठन हुआ है। इस कमेटी में अमित शाह-अधीर रंजन चौधरी समेत 8 लोग शामिल किए गए हैं। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है।

One Nation One Election

एक देश एक चुनाव की दिशा में गठिक की गई कमेटी।

Election News: एक देश-एक चुनाव की दिशा में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी का ऐलान हो गया है। इस कमेटी में अमित शाह-अधीर रंजन समेत 8 लोग शामिल किए गए हैं। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में लॉ मिनिस्ट्री ने एक कमेटी का गठन किया है।

कमेटी में कौन-कौन शामिल?

रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी के सदस्यों के नामों का ऐलान कर दिया गया है। 8 लोगों को इस कमेटी में शामिल किया गया है। इनमें...

  1. रामनाथ कोविंद (कमेटी के अध्यक्ष)
  2. अमित शाह
  3. अधीर रंजन चौधरी
  4. गुलाम नबी आजाद
  5. एनके सिंह
  6. सुभाष कश्यप
  7. हरीश साल्वे
  8. संजय कोठारी

घबराने की जरूरत नहीं है- केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर ये जानकारी दी कि एक समिति का गठन किया गया है। कमेटी की एक रिपोर्ट आएगी जिसके आधार पर चर्चा होगी। संसद परिपक्व है और वहां चर्चा होगी। घबराने की जरूरत नहीं है, भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है, यहां विकास हुआ है। मैं संसद के विशेष सत्र के एजेंडे पर चर्चा करूंगा।'

एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव के पक्ष में है RSS

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) देश में एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव के पक्ष में है तथा उसका मानना है कि इस महत्वपूर्ण विषय से जुड़ी चीजें व्यवस्थित होनी चाहिए जिससे सार्वजनिक धन और देश के बहुमूल्य समय की बचत होगी। आरएसएस के एक पदाधिकारी ने इस बारे में पूछने पर कहा, 'ऐसे विषयों पर चीजें व्यवस्थित होनी चाहिए।' वहीं, संघ से जुड़े कई सूत्रों ने कहा कि संघ का मानना है कि एक साथ चुनाव कराने से निर्बाध रूप से विकास कार्य करने में मदद मिलेगी जो अक्सर चुनाव के मद्देनजर आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से बाधित होती है।

संविधान निर्माताओं की इच्छा थी कि एक साथ हो चुनाव

एक सूत्र ने बताया, 'अगर सभी चुनाव एक साथ कराये जाते हैं तब यह देश के लिए अच्छा होगा। इससे सार्वजनिक धन और देश के बहुमूल्य समय की बचत होगी।' उन्होंने बताया कि अक्सर चुनाव होने से काफी धन खर्च होता है और इसके कारण सरकारी कर्मचारियों को चुनाव कार्य में लगाया जाता है तथा आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से विकास कार्य बाधित होता है। एक अन्य सूत्र ने बताया कि वास्तव में संविधान निर्माताओं की इच्छा थी कि देश में एक साथ चुनाव कराये जाएं।

1967 तक एकसाथ हुए थे लोकसभा और विधानसभा चुनाव

सरकार ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की संभावनाएं तलाशने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। इससे लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं ताकि इन्हें कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ ही संपन्न कराया जा सके। सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि कोविंद इस कवायद और तंत्र की व्यवहार्यता का पता लगाएंगे कि देश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कैसे कराये जा सकते हैं। देश में 1967 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ हुए थे।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited