One Nation One Election: कौन से दल साथ, किसने किया विरोध? यहां जानें 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' पर राजनीतिक पार्टियों की क्या है राय

One Nation One Election: एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे पर छह राष्ट्रीय पार्टियों में से सिर्फ दो ने ही इसका समर्थन किया है। भाजपा और कोरनाड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी वन नेशन-वन इलेक्शन के समर्थन में है। जबकि, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा और सीपीएम ने इसका विरोध किया है। वहीं, भारत राष्ट्र समिति, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, रालोद और टीडीपी जैसी कुछ पार्टियां इस मुद्दे पर चुप ही रही हैं।

One Nation One Election

एक देश-एक चुनाव

One Nation One Election: एक देश-एक चुनाव (One Nation One Election) पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) की अध्यक्षता वाली एक समिति गुरुवार को 18,626 पन्नों की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के तहत देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकायों के चुनाव (Ek Desh Ek Chunav) एक साथ कराने की सिफारिश की गई है। यह रिपोर्ट दो सितंबर 2023 को समिति गठन के बाद से हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श और 191 दिनों के शोध कार्य के बाद तैयार की गई है।
समिति ने कहा है कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, जिसके बाद 100 दिन के अंदर दूसरे चरण में स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं। समिति ने कहा है कि एक साथ चुनाव कराए जाने से विकास प्रक्रिया और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा, लोकतांत्रिक परंपरा की नींव गहरी होगी और "इंडिया जो कि भारत है" की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी।

62 राजनीतिक दलों से मांगी गई राय

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने देश में एक साथ चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग से रजिस्टर्ड 62 राजनीतिक दलों से राय मांगी थी। इनमें से 18 दलों के साथ पैनल के सदस्यों ने व्यक्तिगत विचार-विमर्श किया था। पैनल को कुल 47 राजनीतिक पार्टियों ने अपनी राय से अवगत कराया है। इनमें 32 दलों ने एक देश, एक चुनाव का समर्थन किया है तो वहीं 15 दलों ने विरोध किया है।

इन पार्टियों ने किया समर्थन

वन नेशन-वन इलेक्शन का राष्ट्रीय पार्टियों में से भाजपा और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने समर्थन किया है। इसके अलावा अन्नाद्रमुक, अपना दल (सोनेलाल), असम गण परिषद, लोक जनशक्ति पार्टी, नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, मिजो नेशनल फ्रंट, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ऑफ असम, बीजू जनता दल, शिवसेना (शिंदे गुट), अकाली दल, जदयू, व झारखंड में बीजेपी के सहयोगी दल आजसू ने भी देश में एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे का समर्थन किया है।

इन दलों ने किया विरोध

देश में एक साथ लोकसभा व विधानसभा चुनाव का विरोध चार राष्ट्रीय दलों ने किया है। इसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा और सीपीएम है। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, डीएमके, नगा पीपुल्स फ्रंट, एआईएमआईएम, एआईयूडीएफ ने भी इसका विरोध किया है।

ये दल रहे चुप

भारत राष्ट्र समिति, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, जेडीएस, झामुमो, शरद पवार की एनसीपी, राजद, केरल कांग्रेस, टीडीपी और जयंत चौधरी की रालोद, IUML,YSRCP और रिवॉल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी-RSP ने अपनी राय पैनल को नहीं सौंपी है। इसमें चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और जयंद चौधरी की रालोद हाल ही में एनडीए में शामिल हुई हैं।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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