रूस-यूक्रेन युद्ध का एक साल, जानिए कैसे बदले वैश्विक समीकरण और भारत ने तटस्थ रहकर पश्चिम को दिखाया आईना
Russia Ukraine War: पिछले साल आज ही के दिन यानि 24 फरवरी 2022 को रूस-यूक्रेन-युद्ध की शुरुआत हुई थी। तब से लेकर अभी तक युद्ध चला आ रहा है और लाखों की संख्या में सैनिक मारे जा चुके हैं। युद्ध में भारत ने एक ऐसी नीति अपनाई जिसकी कई मंचों पर तारीफ भी हुई।
रूस- यूक्रेन युद्ध से वैश्विक समीकरण भी बदल गए
Russia Ukraine War: आज से ठीक एक साल पहले यानि 24 फरवरी 2022 के तड़के जब यूक्रेन के लोग गहरी नींद में सो रहे थे तो तभी पूर्वी यूक्रेन के आस-पास धमाकों की ऐसी आवाज आई कि वो सन्न रह गए। घर के बाहर देखा तो जो नजारा था वो होश उड़ाने वाला था और कई जगहों पर मिसाइल हमले (Missile Attack) से सरकारी इमारतें ध्वस्त हो चुकी थीं। लोगों ने टीवी खोला तो खबर थी कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin) ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर डोनबास इलाके में सैन्य अभियान शुरू करने का ऐलान कर दिया था। तब से लेकर अब तक इस युद्ध में क्या हुआ वो किसी से छिपा नहीं है। लाखों की संख्या में अब सैनिक मारे गए और घायल हुए लेकिन युद्ध अब तक नहीं थमा।
भारत ने राष्ट्रहित रखा आगेयुद्ध के बाद अमेरिका और ब्रिटेन सहित तमाम पश्चिमी देश यूक्रेन के साथ आ गए और रूस पर कड़े प्रतिबंध भी लगाए। ऐसे में भारत के लिए भी एक संकट सा था कि वह किस तरफ जाए लेकिन भारत ने अपनी गुटनिरपेक्ष नीति को आगे रखा और वह एकदम तटस्थ की भूमिका में रहकर साफ कहा कि युद्ध किसी बात का हल नहीं है। पश्चिमी देश भारत पर दवाब बनाते रहे कि वह रूस से अपनी नजदीकी को कम करे। लेकिन सारे दवाबों के इतर भारत ने राष्ट्रहित की नीति को आगे रखा और तटस्थ राह चुनी।
युद्ध किसी बात का हल नहींभारत ने युद्ध के बावजूद रूस से सस्ती कीमतों पर तेल खरीदा और इसे लेकर हो रही पश्चिमी आलोचना का भी खुलकर जवाब दिया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कई विदेशी मंचों पर दो टूक कहा कि यह सुनिश्चित करना हमारा मौलिक दायित्व है कि भारतीय उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में सबसे फ़ायदेमंद शर्तों पर सस्त तेल मिले। उन्होंने साफ कर दिया कि भारत और रूस के रूस के संबंधों से अगर फायदा मिल रहा है तो हम इसे जारी रखेंगे। वहीं दूसरी तरफ भारत ने युद्ध को लेकर भी साफ कर दिया कि वह इस युद्ध के खिलाफ हैं और और किसी भी बात का हल संवाद और कूटनीति के जरिए निकालना चाहिए।
मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा भारत?भारत की तटस्थ नीति की विदेश में भी तारीफ हुई। प्रमुख अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने तो एक लेख तक छापा जिसमें कहा गया कि रूस- यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है भारत? कई बार भारत ने समस्याओं का समाधान निकालने में बिना शोर शराबे की अहम कोशिश की जिसमें प्रमुख था जब रूसी सेना यूक्रेन के प्रमुख परमाणु संयंत्र पर हमला कर रही थी और भारत के हस्तक्षेप के बाद रूस पीछे हट गया। भारत और रूस के संबंधों को लेकर पश्चिमी देशों को भी उम्मीद जगी कि भारत शायद युद्ध को खत्म करने में अहम भूमिका अदा कर रखता है। इसके बाद भारत को लेकर कई पश्चिमी देशों के रूख में नरमी भी आई
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राजनीति में विशेष दिलचस्पी रखने वाले किशोर जोशी को और खेल के साथ-साथ संगीत से भी विशेष लगाव है। यह टाइम्स नाउ हिंदी डिजिटल में नेशनल डेस्क पर कार्यरत ...और देखें
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