Operation Kaveri: सूडान से अब तक निकाले गए 2400 भारतीय, 300 अन्य यात्रियों को लेकर INS Sumedha रवाना

Operation Kaveri: सूडान में जंग छिड़ने के बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन कावेरी शुरू किया था। इस ऑपरेशन के तहत संकटग्रस्त देश से लगातार भारतीयों को निकाला जा रहा है। अब तक करीब 2400 भारतीयों को सूडान से सुरक्षित निकाला गया है।

Operation Kaveri

भारतीयों को लेकर सूडान से रवाना हुआ INS Sumedha (@MEAIndia)

Operation Kaveri: युद्धग्रस्त सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने का काम जोर शोर से चल रहा है। भारतीय सरकार ने इस निकासी अभियान को ऑपरेशन कावेरी नाम दिया है। विदेश मंत्रालय की ओर से साझा की गई ताजा जानकारी के अनुसार, अब तक सूडान से 24 भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बता दें, युद्ध के समय करीब 3000 भारतीय सूडान के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए थे।
शनिवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट के माध्मय से बताया कि करीब 2400 भारतीयों को सूडान से निकाला गया है। उन्होंने आगे बताया कि ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों का 13वां जत्था निकाला गया है। आईएनएस सुमेधा सूडान बंदरगाहर से 300 यात्रियों को लेकर जेद्दाह के लिए रवाना हुआ है।

कैसे पड़ा ऑपरेशन कावेरी नामएक रिपोर्ट के मुताबिक, सूडान में फंसे ज्यादातर भारतीय दक्षिणी भारत से हैं। वहीं, कावेरी दक्षिणी भारत मे बहने वाली प्रमुख नदियों में से गए है। दक्षिण भारत के लोग इस नदी को कावेरीअम्मा कहकर बुलते हैं और इसकी पूजा करते हैं। कहा जाता है कि यह नदी सभी बाधाओं को पार करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचती है। यही कारण है कि सूडान में फंसे भारतीयों के निकासी अभियान को भी ऑपरेशन कावेरी नाम दिया गया है, भारत सरकार का यह अभियान विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन की देखरेख में चलाया जा रहा है।

सूडान में क्यों छिड़ी है जंग

सूडान में इन दिनों सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष चल रहा है। दोनों सेनओं के प्रमुख के बीच वर्चस्व की लड़ाई है, दोनों सूडान पर अपना अधिकार चाहते हैं। कहा जाता है कि एक समय दोनों सैन्य अधिकारियों ने साथ में काम किया और देश का तख्तापलट करने में अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, अब दोनों के बीच जंग छिड़ी हुई है, इसमें करीब 400 से ज्यादा लोग अब तक मारे जा चुके हैं।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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