कुछ इस तरह से हो रही है सूडान से भारतीयों की निकासी, देखिए Operation Kaveri का वीडियो

सूडान में सत्ता को लेकर संघर्ष जारी है। सेना और अर्द्धसैनिक बलों के बीच जारी हिंसा में कई देशों के नागरिक वहां फंसे हैं। भारत के भी वहां 3 हजार से ज्यादा लोग फंसे थे, जिन्हें निकालने का काम जारी है। भारत Operation Kaveri के तहत अपने नागरिकों को वहां से निकाल रहा है।

Operation Kaveri: सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए वायुसेना और नौसेना मिलकर ऑपरेशन चला रही है। सूडान से पहले नौसेना के पोत भारतीयों को लेकर जेद्दा पहुंच रहे हैं, वहां से फिर वायुसेना के विमान उन्हें इंडिया ला रहे हैं। साथ ही वायुसेना के विमान सूडान पोर्ट से भी लोगों को निकाल रहे हैं।

लगातार निकालने की हो रही कोशिश

भारतीय वायुसेना का एक विमान हिंसाग्रस्त सूडान से 246 भारतीयों को लेकर बृहस्पतिवार को मुंबई में उतरा। एक अधिकारी ने बताया कि विमान जेद्दा से पूर्वाह्न लगभग 11 बजे रवाना हुआ था और यहां अपराह्न लगभग साढ़े तीन बजे उतरा। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन निकासी अभियान पर नजर रखने के लिए जेद्दा पहुंच गए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया था कि सूडान से निकासी अभियान में भारतीय नौसेना का एक और जहाज आईएनएस तेग शामिल हो गया है।

पीएम मोदी ने दिया था आदेश

सूडान में दोनों पक्षों के 72 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमत होने के बाद भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिये हैं। विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन ने निकासी अभियान के बारे में कहा था कि सूडान के बंदरगाह और जेद्दा में जरूरी आधारभूत ढांचा तैयार किया गया है। गौरतलब है कि शुक्रवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूडान से 3000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने की आपातकालीन योजनाओं की तैयारी के निर्देश दिये थे।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited