ऑपरेशन शीशमहल पार्ट-3: मकराना की जगह लगा वियतनाम का मार्बल, ठेकेदार को मिला एक्स्ट्रा पेमेंट
ऑपरेशन शीशमहल पार्ट-3: अभी तक टाइम्स नाउ नवभारत ने जो आपको दिखाया उसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सो कॉल्ड शीशमहल को लेकर वो पेपर दिखाया, जिससे आपको ये पता चला कि चार-पांच कमरों में रहने की बात करने वाले केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए शीशहमल जैसा आवास बनवाया । कम से कम डॉक्यूमेंट्स तो चीख-चीख कर यही बता रहे हैं।
ऑपरेशन शीशमहल पार्ट-3: पिछले दो दिनों से हम आपको ऑपरेशन शीशमहल दिखा रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के रेनोवेशन को लेकर खुलासे कर रहे हैं । 49 घंटे बीत गए हैं...हम सवाल पूछ रहे हैं, देश सवाल पूछ रहा है..लेकिन ना तो अरविंद केजरीवाल की चुप्पी टूटी है...ना ही उनकी पार्टी इस पर साफ साफ बोल रही है । ये वही केजरीवाल हैं। जो लोगों से पाई पाई का हिसाब मांगते थे । लेकिन आज वो पाई पाई का हिसाब क्यों नहीं दे रहे हैं?
अभी तक आपने क्या देखा
अभी तक टाइम्स नाउ नवभारत ने जो आपको दिखाया उसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सो कॉल्ड शीशमहल को लेकर वो पेपर दिखाया, जिससे आपको ये पता चला कि चार-पांच कमरों में रहने की बात करने वाले केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए शीशहमल जैसा आवास बनवाया । कम से कम डॉक्यूमेंट्स तो चीख-चीख कर यही बता रहे हैं। लेकिन मामला इतना ही नहीं है। आज जो ऑपरेशन शीशमहल पार्ट 3 में हम खुलासा करने जा रहे हैं, उससे इससे भी बड़ा सवाल उठता है । सवाल ये है कि शीशमहल को बनवाने में कट्टर ईमानदारी दिखाई गई या इसमें घोर भ्रष्टाचार है?
आप ने क्या कहा था
ऑपरेशन शीशमहल के बाद AAP की ओर से कहा गया कि सीएम हाउस का स्ट्रक्चर रहने लायक नहीं था। पानी गिर रहा था। एक वीडियो भी जारी किया गया, जो शीशमहल जैसा कंस्ट्रक्शन बनने से पहले का है। जिसमें ये दिख रहा है कि घर में सीलन है, लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि सीलन था तो उसे हटाने के लिए लाखों के पर्दे क्यों लगाए। वियतनाम का संगमरमर क्यों लगाया? चलिए ये सवाल तो हम दो दिन से पूछ रहे हैं। हम क्या पूरा देश पूछ रहा है, लेकिन अब ये डॉक्यूमेंट देखिए..LED ADDITION/ABRACTION IN इसमें लिखा है कि नोटिस इनवाइटिंग टेंडर। नीचे लिखा है नेम ऑफ वर्क। और साफ-साफ लिखा है कि मुख्यमंत्री आवास में addition / aleternation की बात थी। पेपर में ये साफ-साफ लिखा है। आगे इसमें इस्टिमेटे़ड कॉस्ट का भी जिक्र है।
वियतनाम का मार्बल क्यों
बात सिर्फ इतनी ही नहीं। टाइम्स नाउ नवभारत पहले ही सवाल उठा रहा है कि केजरीवाल के सो कॉल्ड शीशमहल में वियतनाम का मार्बल क्यों लगा? क्यों नहीं मकराना का मार्बल लगा? अब जो हमारे हाथ में पेपर है उसमें ये साफ-साफ लिखा है कि जो पहली परमिशन थी डॉक्यूमेंट के मुताबिक मकराना का ही या उसकी क्वालिटी का ही मार्बल यानी संगमरमर लगाना था। जिसकी कीमत ज्यादा से ज्यादा 750 रुपये प्रति स्कवॉयर फीट तय की गई थी। जी हां, ज्यादा से ज्यादा, लेकिन मार्बल लगा इंपोर्टेड। वियतनाम वाला। डियोर पर्ल मार्बल। जिसकी कीमत थी 1 करोड़ 15 लाख। इसकी कोटिंग पर खर्च हुए 21 लाख और सीएम आवास में मार्बल पर टोटल खर्च 3 करोड़ से ऊपर हो गया। मतलब जो परमिशन थी..उसके दोगुने से भी ज्यादा। सवाल तो उठता है न बॉस..ये किसके परमिशन से हुआ? किसने कहा कि हट..हटाओ ये देशी मार्बल..मुख्यमंत्री जी का आवास है खेल है क्या..इसमें वितयनाम से मार्बल मंगाओ...किसने कहा बॉस? क्या अरविंद केजरीवाल ने ऐसा ऑर्डर दिया या किसी और ने इसका ऑर्डर दिया?
टेंडर पर खुलासा
अब हम आपको टेंडर की शर्तों के दस्तावेज दिखाते हैं। इसका लब्बोलुआब समझ लीजिए... अगर इस काम को करने के लिए ठेकेदार को दो या उससे ज्यादा शिफ्ट लगानी पड़ी ...नाइट शिफ्ट के साथ... तो इसके लिए कोई अलग से भुगतान नहीं होगा। ठेकेदार को कोई अलग से पेमेंट नहीं दिया जाएगा। टेंडर की शर्तों में ये भी मेंशन था...कि मतलब रेनोवेशन से जुड़े किसी भी काम के लिए चाहे वो दूसरे लोकेशन पर ही क्यों ना हों। उसके लिए कोई एक्स्ट्रा पेमेंट नहीं की जाएगी। लेकिन ठेकेदार को एकस्ट्रा पेमेंट किया गया....10, 20 हजार नहीं बल्कि पूरे 50 लाख 29 हजार नौ सौ पांच रुपए। इतने में तो मिडिल क्लास फैमिली के लिए दो बीएचके का फ्लैट मिल सकता है।
शीशमहल के नक्शेबाजी
अब बात शीशमहल के नक्शेबाजी की। हमारे पास इसका नक्शा है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले का फ्लोर प्लान है। शीशमहल में कहां से एंट्री होती है, यहां कितने बेडरूम हैं, कितने बाथरूम हैं, कितने टॉयलेट हैं, कितने लिविंग रूम हैं, जिम से लेकर तमाम चीजों का इसमें जिक्र है। सबसे पहले बात ग्राउंड फ्लोर की। एरिया 10677 square फीट है। इस फ्लोर पर 3 बेड रूम हैं। जिसमें से एक बेडरूम में अटैच बाथ के साथ ड्रेसर भी है। जबकि दो बेडरूम में अटैच लैट बाथ है। इसी फ्लोर पर एक रिसेप्शन एरिया है। बड़ा सा वेटिंग हॉल है। काफी बड़ा ड्राइंग रूम है और यहीं पर वो पर्दा लगा है। यहां किचन है, वही किचन जिसके बारे हमने कल आपको बताया था। यहां अप्लासेंस का ही खर्चा करीब एक करोड़ है। बड़ा सा डाइनिंग रूम है...डायनिंग टेबल इतना बड़ा है कि इसपर एक साथ 16 लोग खाना खा सकते हैं। सीढ़ियों के साथ लिफ्ट है। लिफ्ट के पास ही टॉयलेट है और एक पेंट्री भी है।
केजरीवाल का हलफनामा
अब आपको सीएम अरविंद केजरीवाल का वो हलफनामा दिखाते हैं जिसकी चर्चा सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक हो रही है। ये हलफनामा 7 जून 2013 का है। जब सीएम केजरीवाल पहली बार दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। तब केजरीवाल ने 10 रुपये के स्टांप पेपर पर दिल्ली की जनता के नाम एक शपथ पत्र जारी किया था। इस शपथ पत्र में केजरीवाल ने 7 प्रतिज्ञा ली थी। जिसमें तीसरी प्रतिज्ञा थी कि वो कभी बड़ा बंगला नहीं लेंगे। आम आदमी के तरह ही सामान्य घर में रहेंगे। लेकिन अब हालात क्या है आप खुद देख रहे हैं... सीएम आवास के सिर्फ रेनोवेशन में 45 करोड़ खर्च हुए हैं।
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