पीयूष गोयल के बयान पर अड़ा विपक्ष, बिहार का अपमान बता की माफी की मांग

संसद में बिहार के अपमान मुद्दे पर बवाल जारी है। पीयूष गोयल के सफाई के बाद भी विपक्ष माफी पर अड़ा हुआ है।। गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर गोयल के बयान को सदन की करवाई से बाहर करने की मांग।

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आरजेडी के सांसदों का प्रदर्शन

बिहार को लेकर राज्यसभा में सदन के नेता पियूष गोयल के बयाना पर बवाल जारी है। सदन के भीतर और बाहर बिहार से विपक्ष के सांसद लगातार प्रदर्शन कर रहे है। आज संसद में गांधी प्रतिमा के सामने आरजेडी और जेडीयू के सांसदों ने प्रदर्शन करते हुए पियूष गोयल से माफी की मांग की। इस से पहले आरजेडी सांसद मनोज झा ने सदन के सभापति को पत्र लिखकर पियूष गोयल के बयान को सदन की करवाई से बाहर करने की मांग की है।

अगर बस चले तो पूरे देश को बिहार बना दें

दरअसल इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब अप्रोप्रिएशन बिल पर चर्चा के दौरान मनोज झा वित्त मंत्री से सवाल पूछ रहे थे। उस दौरान बगल में बैठे पीयूष गोयल ने कहा की " अगर इनका बस चले तो ये पूरे देश को बिहार बना दें"। गोयल के इस बयान के बाद बवाल शुरू हो गया। इसे बिहार और बिहारी अस्मिता से जोड़कर विपक्षी सांसदों ने गोयल से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। आज भी प्रदर्शन कर रहे मनोज झा ने कहा की घटना के दौरान भी उन्होंने गोयल से कहा की आप हमारा विरोध करिए, लेकिन बिहार के गौरव शाली इतिहास को अपमानित मत करिए। उन्होंने कहा की अगर गोयल माफी नही मानते तो ये माना जायेगा की उन्हे इस तरह की बात करने के लिए प्रधानमंत्री का समर्थन प्राप्त है। वही जेडीयू के लल्लन सिंह ने भी कहा की पियूष गोयल के बयान से साफ है की बीजेपी की बिहार को लेकर क्या सोच है?

पीयूष गोयल ने दी सफाई

हालांकि विवाद बढ़ता देख अब पीयूष गोयल सफाई दे रहे है की उनकी मंशा किसी को अपमानित करने का नही था। लेकिन कहते हैं ना की मुंह से निकला शब्द वापिस नही हो सकता। गोयल के बयान ने विपक्ष को बैठे बिठाए सरकार को घेरने का हथियार दे दिया है। राजद और जेडीयू की कोशिश है की इस मुद्दे को बिहार की अस्मिता से जोड़कर राजनीतिक फायदा उठाया जाय। अब विपक्ष के सांसद इस बात पर अड़े हैं की जब तक गोयल के बयान को संसद की करवाई से नही हटाया जाता उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।

पियूष गोयल राज्यसभा में सदन के नेता है। उनके बयान को विपक्ष भी गंभीरता से सुनता है। ऐसे में किसी राज्य विशेष को लेकर उनकी टिप्पणी स्वाभाविक नही है। इस मामले पर गोयल के सफाई के बाद मामला खत्म हो जाना चाहिए। लेकिन विपक्ष इस मुद्दा बना माहोल गरमाए रखना चाहती है। बहरहाल बिहार का अतीत गौरवशाली रहा है और वर्तमान में भी बिहार का योगदान की नकारा नहीं जा सकता।

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रंजीता झा author

13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें

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