Exclusive: भोपाल में INDIA की पहली रैली, जानें कैसे कांग्रेस के इस प्रस्ताव पर एकजुट हुए दल

Opposition Coordination Committee Meet: विपक्षी गठबंधन 'INDIA' कोऑर्डिनेशन कमेटी की अहम बैठक में सनातन से लेकर जातीय जनगणना, रैली से लेकर चुनाव आयोग समेत तमाम विषय पर चर्चा हुई। बैठक के बाद साझा लिखित बयान तो जारी हुआ लेकिन सनातन पर मचे बवाल पर चुप्पी साध ली गई। आपको इस बैठक से जुड़ी 5 अहम बातें जाननी चाहिए।

INDIA कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक से जुड़ी 5 सबसे अहम बातें।

Congress News: बुधवार शाम दिल्ली में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के घर हुई कोऑर्डिनेशन कमेटी की अहम बैठक में इंडिया को लेकर एक साझा रणनीति तैयार की गई। सनातन से लेकर जातीय जनगणना, रैली से लेकर चुनाव आयोग समेत तमाम विषय इस बैठक के केंद्र में रहे। सभी दल महंगाई, बेरोजगारी और बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार का मुद्दा जनता के बीच उठाते रहेंगे। ईडी के समन की वजह से तृणमूल कांग्रेस से अभिषेक बनर्जी शामिल नहीं हो सके तो बैठक में केंद्र सरकार द्वारा जांच एजेंसियों के दुरुपयोग की निंदा भी कर दी गई। वहीं कई टीवी न्यूज एंकरों के प्रोग्राम में इंडिया के नेता- प्रवक्ता न भेजने पर भी सहमति बनी। लेकिन बैठक में परदे के पीछे सनातन से सीट बंटवारे को लेकर काफी कुछ चर्चा हुई जिसकी एक्सक्लूसिव जानकारी हम टाइम्स नाउ नवभारत देने जा रहा है।

1. कई दलों के लिए सिरदर्द बना सनातन का बवाल

बैठक के बाद साझा लिखित बयान तो जारी हुआ लेकिन सनातन पर मचे बवाल पर चुप्पी साध ली गई। सूत्र बताते हैं कि तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि के दिए हुए बयान पर कई दलों ने अपनी अपनी परेशानी बताई। ममता हो या उद्धव सभी इसे गलत बताते हुए किनारा कर चुके हैं। बैठक में इस बयान के राजनीतिक नुकसान और बीजेपी के हमले का मुद्दा उठा। बाकी दलों का मत था कि डीएमके के नेताओं ने अगर धर्म की कुरीतियों को लेकर आलोचना की होती तो बेहतर होता। फिर जानकारी ये भी मिली कि तमिलनाडु के सीएम स्टालिन की कांग्रेस के दिग्गज नेता से फोन पर बात भी हुई। जिसमें स्टालिन ने सफाई पेश करते हुए कहा कि हमें किसी धर्म से दिक्कत नहीं है लेकिन हमारी राजनीति हमेशा से धर्म में ब्राम्हणवाद के विरोध में रही है और वो हम जारी रखेंगे। स्टालिन के मुताबिक सरकार के मंत्रियों, पार्टी के नेताओं को निर्देश है इस तरह के बयान से भविष्य में बचें। इसके बाद सभी दलों ने यही वजह रही कि सनातन की चर्चा पर फुलस्टॉप लगाते हुए कोई बयान रिलीज न करने का फैसला हुआ।

2. भोपाल में रैली के लिए कैसे मनाया कांग्रेस ने?

इंडिया के गठन के बाद से एक बड़ी रैली करने को लेकर लगातार चर्चा चल रही थी। महागठबंधन पटना में तो ममता दीदी दिल्ली से इसका आगाज चाहती थी। लेकिन कांग्रेस शक्ति प्रदर्शन के फर्स्ट शो का चुनावी राज्य मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चाह रही थी ताकि जनता में इसका एक पॉलिटिकल मैसेज डिलीवर किया जा सके। लेकिन सपा का कहना था कि मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में उसकी राजनीतिक उपस्थिति का भी ख्याल रखा जाए। दरअसल इस इलाके में सपा के पास एक विधायक हैं। वहीं पिछले चुनाव में कई सीटों पर वो दूसरे नंबर पर रही। ऐसे में कांग्रेस की तरफ से आश्वासन देने के बाद बात बन गई। 3 या 4 अक्टूबर को भोपाल में जब इंडिया की मेगा रैली होगी तो चुनावी राज्य में इसका फायदा जरूर होगा।

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