भारत-कनाडा के बीच बिगड़ते रिश्तों से पंजाबियों में घबराहट; जानें किस विपक्षी नेता ने क्या बोला
Opposition Reaction On India-Canada Row: विपक्षी नेताओं ने भारत-कनाडा विवाद पर अपनी-अपनी राय रखी है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे लेकर नपा-तुला बयान दिया है। वहीं अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल ने अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा है कि भारत-कनाडा के खराब होते संबंधों से पंजाबियों में घबराहट है।
भारत-कनाडा विवाद पर विपक्षी नेताओं ने दी प्रतिक्रिया।
India-Canada Row: कनाडा और भारत के बीच तनाव से जुड़ी लगातार नई जानकारियां सामने आ रही हैं। इस बीच कांग्रेस और अकाली दल के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है। अकाली नेता सुखबीर बादल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा है कि भारत-कनाडा के खराब होते संबंधों से पंजाबियों में घबराहट है। वहीं कांग्रेस सांसद ने रवनीत सिंह बिट्टू ने प्रधानमंत्री मोदी से से आग्रह किया कि कनाडा में अध्ययनरत भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इस विवाद पर शशि थरूर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने क्या कहा?
भारत-कनाडा विवाद पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि '…हमें एक नई घटना दिखाई दे रही है, जहां कनाडा में आने वाले अप्रवासियों ने कनाडा के नागरिक बन कर कनाडा की राजनीति में कुछ नहीं किया है। वे इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि कैसे वास्तव में अपने मूल के देश को नुकसान पहुंचाया जाए। मेरे हिसाब से यह एक बहुत ही खतरनाक बात है और कनाडा को इन लोगों के प्रति अपने दृष्टिकोण को परखना चाहिए। कनाडा में एक नागरिक की हत्या कर दी गई। इस पर नाराजगी जाहिर करना बहुत सही है। यह अत्याचार का दावा करने के लिए बहुत अच्छी बात है कि कनाडा में एक नागरिक की हत्या कर दी गई हैबहरहाल, जहां तक मैं जानता हूं, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि भारतीय सरकार की किसी संस्था का इससे कोई लेना-देना नहीं था, क्योंकि हम जानते हैं कि बदकिस्मती से इस सीमांत आतंकवादी समूह के कई गुट हैं। इसलिए मेरा अपना विचार यह है कि जो कुछ हुआ उसके लिए और क्या स्पष्टीकरण हो सकता था। किसी भी केस में, जो भी हो, उनके अपने नागरिकों को इस तरह से व्यवहार करने की अनुमति क्यों दी जाती है, जिससे संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अच्छे-अच्छे हितों को खतरा हो। कुछ केवल कनाडाई ही इसका जवाब दे सकते हैं।"
भारत-कनाडा के खराब होते संबंधों से पंजाबियों में घबराहट
भारत और कनाडा के संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच शिरोमणि अकाली दल (शिअद) अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच विवाद का जल्द समाधान हो जाएगा। बादल ने इस बात का जिक्र किया कि बड़ी संख्या में पंजाबी कनाडा में रहते हैं और दोनों देशों के खराब होते रिश्तों की वजह से उनमें घबराहट है। गृहमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में सुखबीर बादल ने कहा कि दोनों देशों के खराब होते रिश्तों की वजह से बड़ी संख्या में सिखों समेत पंजाबियों को हो रही परेशानियों की जानकारी को लेकर वह दुखी हैं। उन्होंने कहा, 'पंजाबियों में घबराहट का भाव है। दोनों सरकारों, भारत और कनाडा को यथाशीघ्र इस समस्या का समाधान तलाशना चाहिए।'
कनाडा में रहते हैं 18 लाख भारतीय, उनमें से ज्यादातर पंजाबी
जब बादल से पूछा गया कि भारत बार-बार कनाडा से उसकी जमीन पर खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर चिंता जता रहा है तब उन्होंने कहा कि सिख सबसे अधिक देशभक्त लोग हैं, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में सबसे अधिक कुर्बानी दी है। बादल ने कहा कि कुछ लोगों के कृत्य के लिए पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मुद्दों को सुलझाया जाना चाहिए न कि तूल देना चाहिए। शिअद अध्यक्ष ने बताया किया कि कनाडा में 18 लाख भारतीय रहते हैं और उनमे से अधिकतर पंजाबी हैं। उत्तरी अमेरिकी देश में खालिस्तान समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधि के मद्देनजर भारत-कनाडा के रिश्तों में गिरावट देखी जा रही है। भारत का मानना है कि ट्रूडो सरकार उसकी चिंताओं पर गौर नहीं कर रही है।
कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने किया पीएम मोदी से ये आग्रह
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने भारत के साथ कनाडा के राजनयिक विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि वह व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करें और वहां पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर बिट्टू ने वर्तमान में कनाडा में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों और भारत में उनके परिवार के सदस्यों के बीच असुरक्षा के भाव का विषय उठाया। पंजाब की लुधियाना सीट से लोकसभा सदस्य बिट्टू ने 20 सितंबर को लिखे अपने पत्र में कहा, 'वर्तमान में छह लाख से अधिक भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ रहे हैं। उनमें से कई ने कनाडा के स्थायी निवास के लिए आवेदन किया है।' उनका कहना है, 'मुझे लगता है कि राजनयिक तनाव बढ़ने से भारतीय छात्रों के लिए वीज़ा प्रक्रिया में देरी या जटिलताएं हो सकती हैं, जिससे कनाडा में अध्ययन करने की योजना बनाने वाले या वीज़ा अवधि में इजाफे की इच्छा रखने वालों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यह भी संभव है कि प्रतिक्रिया में कनाडा सख्त आव्रजन नीतियां लागू करे।'
काग्रेस सांसद ने पीएम मोदी से कहा, 'तो मैं आपका आभारी रहूंगा'
बिट्टू ने कहा, 'भारतीय छात्रों के लिए अध्ययन परमिट या वर्क परमिट प्राप्त करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है।' उन्होंने मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा, 'कुछ भारतीय छात्रों को राष्ट्रीयता या नस्ल के आधार पर भेदभाव या पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ सकता है।' कांग्रेस सांसद का कहना है, 'इससे भारतीय छात्रों के लिए सामाजिक रूप से असुविधा भी पैदा हो सकती है, जो संभावित रूप से कनाडा में उनके कल्याण और सुरक्षा की भावना को प्रभावित कर सकती है।' बिट्टू ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, 'यदि आप व्यक्तिगत रूप से इस मामले में हस्तक्षेप कर छात्रों की भलाई और सुरक्षा की भावना सुनिश्चित करें और कनाडा में पढ़ने वाले बड़ी भारतीय छात्रों को किसी भी संभावित परिणाम से बचाकर उनके हितों की रक्षा करें, तो मैं आपका आभारी रहूंगा।'
बिट्टू ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की आलोचना की
उन्होंने बृहस्पतिवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी पार्टी को कई ऐसे तत्वों द्वारा वित्त पोषित किया जाता है जो नशे के व्यापार में शामिल हैं। भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कनाडा में एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या को लेकर उसके खिलाफ कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों में कुछ हद तक पूर्वाग्रह है और इसे ''राजनीति से प्रेरित'' करार दिया। इसी साल जून में निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद जारी हैं। अलगाववादी नेता की हत्या में भारतीय एजेंटों की "संभावित" संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद विवाद शुरू हो गया।
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