जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष लामबंद, हटाने के लिए अनुच्छेद 67 के तहत नोटिस देने की तैयारी
कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया’) के कई अन्य घटक दलों ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ का रवैया पक्षपातपूर्ण दिखाई देता है तथा हालत यह है कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने नहीं दिया जाता और उनका माइक बंद कर दिया जाता है।
जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष लामबंद
- जगदीप धनखड़ के बोलने के लहजे पर आपत्ति
- खड़गे का माइक बंद करने का आरोप
- विपक्षी दलों के साथ सही व्यवहार नहीं
भारत के उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष बड़ी तैयारी कर रहा है। जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए विपक्ष उनके खिलाफ अनुच्छेद 67 का प्रयोग कर सकता है। विपक्ष सदन के अंदर धनखड़ के व्यवहार से गुस्से में है और कई दावे कर रहा है। कांग्रेस ने शुक्रवार को ही एक प्रेस कांफ्रेंस करके कई आरोप लगाए हैं।
क्या है अनुच्छेद 67(बी)
अनुच्छेद 67(बी) के तहत उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित और लोकसभा द्वारा सहमत एक प्रस्ताव के माध्यम से उनके कार्यालय से हटाया जा सकता है। हालांकि, इस खंड के प्रयोजन के लिए कोई भी प्रस्ताव तब तक पेश नहीं किया जाएगा, जब तक कि प्रस्ताव पेश करने के इरादे से कम से कम 14 दिन का नोटिस न दिया गया हो।
क्यों नाराज है विपक्ष
विपक्ष से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि दो दिन पहले, राज्यसभा में सदन के नेता जे पी नड्डा को अनौपचारिक रूप से सूचित किया गया था कि विपक्ष धनखड़ को हटाने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने पर विचार कर रहा है। सूत्र ने कहा कि विपक्षी दलों के लिए यह बात बहुत चिंताजनक है कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का माइक बार-बार बंद किया जाता है। सूत्र के अनुसार, विपक्ष चाहता है कि सदन नियमों और परंपरा के अनुसार चले और सदस्यों के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं।
कितना सफल होगा विपक्ष
विपक्षी सूत्रों ने यह भी बताया कि इस नोटिस के लिए 87 सांसदों ने हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि नोटिस के समय पर चर्चा की जानी है और निर्णय लिया जाना है। सूत्रों के अनुसार, यद्यपि प्रस्ताव पारित नहीं हो सकेगा, फिर भी यह अध्यक्ष के ‘‘स्पष्ट रूप से और लगातार पक्षपातपूर्ण’’ दृष्टिकोण को उजागर करने वाला एक बयान होगा।
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